MP Satna: सांसद गणेश सिंह सतना में अपनों से ही घिरे, गृहमंत्री के रिश्तेदार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान, जातीय समीकरण भी पक्ष में नहीं…
Bhopal। बीजेपी ने सतना से सांसद गणेश सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। गणेश सिंह सतना लोकसभा सीट से चार बार के सांसद हैं। उनके नाम की घोषणा होते ही सतना भाजपा में बगावत के सुर फूट निकले हैं। गणेश सिंह की लड़ाई कांग्रेस से बाद में है, फिलहाल उन्हें बीजेपी से ही चुनौती मिलना शुरू हो गई है।
टिकट घोषित होने के बाद भाजपा उम्मीदवारों की रेस में चल रहे एक नेता ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का घोषणा कर दी है। भाजपा नेता रत्नाकर चतुर्वेदी ने वीडियो जारी कर पार्टी और सांसद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना काल में कोई क्षेत्र में नहीं आया। उन्होंने लोगों की सेवा की। रत्नाकर चतुर्वेदी ने दुख जताते हुए कहा, ‘मेरी मेहनत का भाजपा ने मुझे ये फल दिया है। उसका तहे दिल से शुक्रिया। अगर क्षेत्र की जनता की इच्छा होगी तो मैंनिर्दलीय चुनाव लड़ूंगा।
रत्नाकर चतुर्वेदी टिकट की दौड़ में चल रहे थे। सर्वे में जिन 3 दावेदारों का नाम शामिल था। उनमें रत्नाकर का नाम भी शामिल था।
भारतीय जनता पार्टी से बगावत करने वाले रत्नाकर चतुर्वेदी मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के रिश्तेदार हैं। रत्नाकर चतुर्वेदी बीजेपी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष और सहकारी बैंक के चेयरमैन भी रह चुके हैं। रत्नाकर के पिता कमलाकर चतुर्वेदी भी बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और लंबे समय तक केंद्रीय सहकारी बैंक के चेयरमैन रहे हैं। रत्नाकर को आरक्षक के साथ मारपीट करने के आरोप में एक वर्ष की सजा हो चुकी है।
सतना विंध्य की महत्वपूर्ण सीट है और यहां जातीय समीकरण बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। सतना सीट पर ब्राह्मण मतदाता प्रभावशाली हैं। आंकड़ा पचास हजार से अधि बताई जा रही है। राजपूत समाज भी बड़ी संख्या में है, लेकिन गणेश सिंह से उनका छत्तीस का आंकड़ा बताया जाता है। पिछड़े वर्ग की बात करें तो गणेश सिंह जिस कुर्मी समाज से आते हैं, इस वर्ग के मतदाता दस हजार के आस पास होंगे। जबकि कांग्रेस के वर्तमान एमएलए सिद्धार्थ कुशवाहा के समाज के वोट उनसे दोगुने से अधिक हैं। ताड़ी कोई ब्राह्मण प्रत्याशी किसी पार्टी से या निर्दलीय खड़ा हो जाता है तो गणेश सिंह और पीछे जा सकते हैं।
हालांकि बीजेपी दावा कर रही है कि छात्र राजनीति से राजनैतिक सफर की शुरुआत करने वाले सांसद गणेश सिंह को पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा हैं। लोकसभा चुनावों में यह फैक्टर उनकी जीत में बड़ी भूमिका निभाता आया है। हालांकि विधानसभा चुनाव में आंकड़ों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
बता दें कि सतना सीट से पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी, पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी, पूर्व आयोग सदस्य लक्ष्मी यादव, जिला उपाध्यक्ष विजय तिवारी, भाजयुमो के पूर्व अध्यक्ष रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा, मंडल अध्यक्ष संजय तीर्थवानी, पर्वतारोही रत्नेश पांडेय भी बीजेपी के टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे।