MP : बारिश का कहर, रतलाम में दिल्ली-मुंबई ट्रैक की मिट्टी बही, 28 ट्रेन डायवर्ट:नहर फूटने से बड़वानी-सेंधवा हाईवे बंद, शिवना ने किया पशुपतिनाथ का अभिषेक
भोपाल। बंगाल की खाड़ी से उठे स्ट्रॉन्ग सिस्टम ने मध्यप्रदेश के 13 जिलों को सूखे (औसत से कम बारिश) से बाहर निकाल दिया है। 6 जिले- भोपाल, अलीराजपुर, नीमच, शाजापुर, दमोह, सिंगरौली रेड जोन से बाहर आने के मुहाने पर हैं। आज इन जिलों में औसत बारिश का कोटा पूरा हो सकता है। आज 21 जिलों में बारिश का अनुमान है। इंदौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर और धार में बारिश का रेड अलर्ट है।
बीते तीन दिन में हुई भारी बारिश की वजह से प्रदेश में नर्मदा, शिप्रा, चंबल, कालीसिंध समेत सभी छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं। बरगी, ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर, यशवंत सागर बांध के गेट खोलकर शनिवार को पानी छोड़ा गया है। इंदौर और उज्जैन में ऐसे हालात बने कि पानी में घिरे लोगों को बोट से रेस्क्यू करना पड़ा।
24 घंटे में धार में रिकॉर्ड 11.86 इंच बारिश हुई। धार के मनावर में पांच गांव में नर्मदा का बैकवॉटर घुस गया। लोगों ने शनिवार की रात छत पर गुजारी। धार जिले के धामनोद में ग्रामीणों ने खलघाट फोरेलेन जाम कर दिया। ग्रामीण बारिश से खराब हुई फसलों का मुआवजा की मांग कर रहे हैं।
मंदसौर में इस सीजन में पहली बार शिवना नदी ने भगवान पशुपतिनाथ का अभिषेक किया। शनिवार रात नदी का पानी मंदिर के गर्भगृह में पहुंच गया। भगवान के चारों मुख डूब गए। रविवार सुबह पानी उतरने के बाद साफ-सफाई कर आरती की गई।
बड़वानी शहर के पास सजवानी गांव में नहर फूट गई। पानी घरों-खेतों में भर गया। रोड तक पानी आने से बड़वानी-सेंधवा स्टेट हाईवे पर यातायात बंद हो गया। बड़वानी में नर्मदा खतरे के निशान से 19 मीटर ऊपर बह रही है। नदी के किनारे बसे गांव में पानी घुसने लगा है। इधर, जिले के ग्राम भवति में बाढ़ से नाराज ग्रामीणों ने सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री के पुतलों की गांव में शव यात्रा निकाली। इसके बाद पुतलों को फूंक दिया।
रतलाम मंडल के पंच पिपलिया और अमरगढ़ के बीच रेल ट्रैक की मिट्टी बह गई। दिल्ली – मुंबई का अप लाइन ट्रैक प्रभावित हुआ है। दिल्ली से रतलाम होकर आगे जाने वाली 28 ट्रेन को डायवर्ट रूट से चलाया जा रहा है। 4 को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है। 7 ट्रेन निरस्त करना पड़ी हैं। शनिवार को इसी ट्रैक पर 3 किलोमीटर दूर लैंडस्लाइड से पत्थर आ गिरे थे।