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MP : बढ़ रहा धनबल-बाहुबल….. प्रदेश में वर्तमान में 94 विधायकों पर आपराधिक मामले, 187 करोड़पति

भोपाल।मप्र व देश की राजनीति स्वच्छ और शुचिता के लिए जानी जाती है, लेकिन पिछले कुछ चुनावों से यहां की राजनीति में भी धनबल और बाहुबल बढ़ रहा है। साल दर साल मप्र की राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। मप्र के 41 फीसदी माननीय दागी हैं। 21 फीसदी माननीय तो ऐसे भी हैं जिन पर गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटक रिफॉम्र्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार विधानसभा में 94 विधायकों ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 230 विधायकों में से 187 करोड़पति हैं। मप्र में कुछ महीने बाद चुनाव होने हैं। एक बार फिर माननीयों के चरित्र पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

उधर, भोपाल दौरे पर आए चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि राजनीति में स्वच्छ छवि के लोगों को आना चाहिए। भारत निर्वाचन आयोग की मंशा राजनीतिक शुद्धिकरण की है। निर्वाचन आयोग चुनाव में आपराधिक प्रवृत्ति के प्रत्याशियों को लेकर सजग है। चुनाव से पहले आपराधिक छवि के उम्मीदवार को नामांकन फॉर्म में पूरी जानकारी देने के साथ ही अपने अपराध को लेकर तीन बार इलेक्ट्रॉनिक प्रिंट मीडिया में विज्ञापन देना पड़ेगा। इसके साथ ही राजनीतिक दलों को भी यह प्रकाशित करना पड़ेगा कि उन्होंने आपराधिक छवि के व्यक्ति को उम्मीदवार क्यों बनाया? उन्हें यह भी बताना पड़ेगा कि उन्हें दूसरा उम्मीदवार क्यों नहीं मिला? ऐसा नहीं करने पर आयोग उम्मीदवारी निरस्त कर सकता है। 

आपराधिक छवि वाले नेताओं की संख्या बढ़ रही

मप्र के संदर्भ में बात करें तो पिछले चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि सभी राजनीतिक दल कई आपराधिक छवि के नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाते आए हैं और उनमें से कई प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। मप्र में चुनाव में आपराधिक छवि वाले नेताओं की संख्या हर पांच साल में बढ़ रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव का आंकड़ा देखें, तो 2018 में 94 विधायकों यानी करीब 41 फीसदी विधायकों ने खुद के आपराधिक मामले घोषित किए थे। डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स एडीआर और इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार 2018 में प्रदेश के 47 विधायकों पर गंभीर अपराधिक मामले दर्ज थे, जबकि 2013 में यह आंकड़ा घटा हुआ था। तब 230 विधायकों में से 73 विधायकों ने अपने आपराधिक प्रकरणों का ब्योरा दिया था, जो करीब 32 फीसदी होते हैं। इनमें से 47 विधायकों पर गंभीर अपराध दर्ज थे। मप्र में नवंबर के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है। पिछले महीने बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों की जो सूची जारी की है, उनमें भी ऐसे प्रत्याशी मौजूद हैं, जो आपराधिक मामलों में आरोपी हैं। आने वाले दिनों में जब अन्य राजनीतिक दल प्रत्याशियों की घोषणा करेंगे, तब सामने आएगा कि इनमें से आपराधिक प्रवृत्ति के उम्मीदवार कितने हैं।

6 विधायकों की संपत्ति 100 करोड़ के पार

अरबपति विधायकों की संख्या के मामले में मप्र देश में चौथे स्थान पर है। वित्तीय मोर्चे पर, 187 विधायक बहु-करोड़पति हैं, जिसमें 109 विधायकों के साथ भाजपा सबसे आगे है और उसके बाद 90 विधायकों के साथ कांग्रेस दूसरे स्थान पर है। मप्र में 6 विधायकों की संपत्ति सौ करोड़ के पार है। मप्र के टॉप 10 रईस विधायकों की बात करें तो सबसे पहले संजय सत्येंद्र पाठक, भाजपा, विजयराघौगढ़ – 226,17,6691, चेतन कश्यप, भाजपा, रतलाम सिटी-204.63 करोड़ , संजय शुक्ला,कांग्रेस, इंदौर एक-139,93,84,037, संजय शर्मा, कांग्रेस, तेंदूखेड़ा-130,97,13,260, निलय विनोद डागा, कांग्रेस, बैतूल-127,62,89,318, कमलनाथ, कांग्रेस, छिंदवाड़ा-124,85,96,145, केपी सिंह, कांग्रेस, पिछोर-73,76,66,873, विशाल जगदीश पटेल, कांग्रेस, देपालपुर-69,16,36,824, सुदेश राय, भाजपा, सीहोर-67,51,29,525, दिव्यराज सिंह, भाजपा, सिरमौर 62,28,37,571 शामिल हैं।

एक विधायक के विरुद्ध हत्या का मामला

दरअसल, एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की रिपोर्ट के मुताबिक एक विधायक के विरुद्ध हत्या और 6 के विरुद्ध हत्या के प्रयास के मामले हैं। इनमें मुलताई से कांग्रेस विधायक सुखदेव पांसे के विरुद्ध दो, रामपुर बघेलान से भाजपा विधायक विक्रम सिंह के विरुद्ध एक, हरदा से भाजपा विधायक और कैबिनेट मंत्री कमल पटेल के विरुद्ध दो, तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार के विरुद्ध चार, भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के विरुद्ध एक और सुमावली से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह के विरुद्ध 11 केस रजिस्टर्ड हैं। अपराधों के इन आंकड़ों का खुद माननीयों ने चुनावों के वक्त चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में जिक्र किया है।

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