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MP Election: फिर निकला 84 दंगों का जिन्न.. हरदीप सिंह डंग का हमला..पहले सिखों को मारा, अब सनातन को खत्म करने का प्लान बना रहें हैं कमलनाथ, कांग्रेस ने किया पलटवार, चुनाव के समय बीजेपी को आती है सिख समाज की याद

 

भोपाल।प्रदेश सरकार के मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार-वार्ता में चौरासी के दंगों का मामला उठाया। डंग का आरोप है कि कमलनाथ की राजनीति दागदार है। छल, कपट, दुराचार से भरी हुई उनकी राजनीति उन असंख्य सरदारों के खून से सनी हुई है, जो 1984 के नरसंहार में मृत हुए थे। उन माताओं की चीख, उन अस्मत बचाती बहनों की पुकार अपनी जय-जयकार के शोर में कमलनाथ भुलाना चाहते हैं।

प्रदेश सरकार के मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि आज का दिन सिख समुदाय के लिए बहुत ही पवित्र दिन है। सिखों के पांचवें गुरू श्री अर्जन देव जी ने 1604 में आज ही के दिन दरबार साहिब में पहली बार गुरू ग्रंथ साहित का प्रकाश किया था। सिखों में जीवंत गुरू के रूप में मान्य श्री गुरू ग्रंथ साहिब केवल सिख कौम ही नहीं बल्कि समूची मानवता के लिए आदर्श व पथ प्रदर्शक हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा भी इसी सोच के साथ काम करती है। भाजपा भी सबका साथ, सबका विश्वास की बात करती है। हमारी सरकार में सर्वांगीण विकास के लक्ष्य पर कार्य होता था, हो रहा है और आगे भी होता रहेगा। हमारी सरकार में पक्षपात का कोई स्थान नहीं है। इसी की देन है कि पिछले 20 साल में मध्य प्रदेश ने न सिर्फ उन्नति की है बल्कि बीमारू राज्य का तमगा भी हट चुका है। उन्होंने कहा कि इन सबके बीच हम उनको भी नहीं भूल सकते, जिन्होंने मध्य प्रदेश का बुरा हाल कर रखा था। तुष्टीकरण की राजनीति में डूबे लोगों की सच्चाई भी आज जरूर दोहराई जानी चाहिए। सनातन पर वार करने वाले लोगों ने सिख समुदाय के साथ ही इसकी प्रकार का दुर्व्यवहार, अत्याचार किया था।

कमलनाथ के हाथ 84 के दंगों से सने हैं

मंत्री श्री डंग ने कहा कि आपको याद होगा कि कमलनाथ जब मुख्यमंत्री बनें तब उनका जमकर विरोध हुआ था। आखिर मुख्यमंत्री बनते ही किसी नेता ऐसा विरोध क्यो? यह विरोध था उस नासूर के लिए, जो 1984 को कमलनाथ ने दिया था, तब वह रकाबगंज गुरूद्वारे में भीड़ के साथ सिख नरसंहार में हिस्सेदारी कर रहे थे। उनके इशारों पर खूनी भीड़ कदमताल कर रही थी। खून और पानी में अंतर नहीं बचा था। प्रदेश सरकार के मंत्री श्री डंग ने कहा कि कमलनाथ के हाथ 84 के दंगों से सने हैं। यह तथ्य पत्रकार संजय सूरी की किताब 1984 – द एंटी सिख वॉयलेंस एंड आफ्टर में मौजूद है। सूरी ने अपनी आंखों देखी किताब में दर्ज किया है। उन्होंने लिखा है कि जब वह रकाबगंज गुरूद्वारे पहुंचे तो वहां उत्तेजित भीड़ थी, 2 सिखों को पहले ही जिंदा जलाया जा चुका था। भीड़ को उकसाने का काम कमलनाथ कर रहें थे। कमलनाथ खुद बताते हैं कि राजीव गांधी के कहने पर वह दंगों को शांत कराने गए थे, लेकिन सिखों के नरसंहार पर जांच के लिए बना जस्टिस नानावटी आयोग की टिप्पणी और चश्मदीदों के बयान तो यहीं इशारा करते हैं कि उनके हाथ खून से सने हैं। उन्होंने कहा कि इस नरसंहार में सज्जन सिंह और जगदीश टाईटलर का जो हाल हुआ है वही हाल जल्द ही कमलनाथ का होने वाला है।

कांग्रेस कौमी एकता प्रकोष्ठ ने किया पलटवार, सिख समाज को गुमराह कर रही बीजेपी 

म.प्र कांग्रेस क़ौमी एकता प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सच सलूजा ने इस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि 

भाजपा झूठ बोलकर सिख समाज को गुमराह करना बंद करे, दूसरों पर कीचड़ उछालना चुनाव आते ही धर्म और दंगे की बात करना भाजपा का चरित्र है। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस क़ौमी एकता प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व सिख यूथ एसोसिएशन ऑफ़ इंदौर के अध्यक्ष सच सलुजा ने कहा की जब-जब चुनाव क़रीब आता है, भाजपा धर्म, झूठ और फ़रेब की राजनीती शुरू कर देती है। सच सलुजा ने अपने बयान में कहा की भाजपा सिखों को हमेशा से ही कमलनाथ जी पर सिख दंगों का आरोप लगाकर गुमराह करती आयी है, जबकि हक़ीक़त ये है की आज तक किसी दंगों में किसी भी एफ़.आई.आर या आरोप पत्र में कमलनाथ जी का नाम तक नहीं है। उन्होंने पूछा है, क्या भाजपा व उसके नेता अपने आप को भारतीय संविधान द्वारा स्थापित न्यायालय से बड़ा समझते है? जबकि हक़ीक़त मैं तो भाजपा सिख समाज को नापसंद करती है सिर्फ़ अपना वोट बैंक समझती है और हमेशा ही साजिश रच कर सिखों को नजरंदाज करती है। 

कांग्रेस ने हमेशा ही सिखों को प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाया चाहे वो देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी हों या देश के राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह जी हों या केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह जी हों या संगठन के उच्च पद भारतीय युवा कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में एम.एस बिट्टा सब जगह सत्ता व संगठन में कांग्रेस से सिख समाज को मान-सम्मान मिला है।

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