मोदी सरकार द्वारा एक और सरकारी कंपनी बेचने की तैयारी

नई दिल्ली। मोदी सरकार की तरफ से अब एक और सरकारी कंपनी की हिस्सेदारी बेचने की तैयारी की जा रही है. सरकार डिसइंवेस्टमेंट के जरिये एक और कंपनी की हिस्सेदारी बेचकर चालू वित्त वर्ष में अरबों रुपया जुटाना चाहती है. रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीईएमएल (BEML) का प्राइवेटाइजेशन स्थानीय राज्य सरकार से भूमि के ट्रांसफर को पूरा करने के लिए अंतिम मंजूरी में देरी के कारण रुका हुआ है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार बीईएमएल (BEML) में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी घटाने पर विचार कर रही है. 26 प्रतिशत हिस्से की बिक्री के बाद सरकार का कंपनी के मैनेजमेंट से कंट्रोल खत्म हो जाएगा. राज्य सरकार की तरफ से जमीन के ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्राइवेटाइजेशन का काम पूरा हो जाएगा. मौजूदा समय में सरकार के पास कुल 54% हिस्सेदारी है, जिसमें से 26% हिस्सेदारी बेचने पर विचार किया जा रहा है।
232.5 मिलियन डॉलर हासिल हो सकते हैं
इस बिक्री से सरकार को मौजूदा शेयर मूल्य पर करीब 232.5 मिलियन डॉलर (1900 करोड़ रुपये) हासिल हो सकते हैं. वित्तीय वर्ष 2024 में विनिवेश आय में 510 बिलियन रुपये जुटाने की योजना को मजबूती मिलेगी. बिक्री के लिए पूर्व शर्त के रूप में सरकार ने बीईएमएल के स्वामित्व वाली भूमि को एक अलग इकाई, बीईएमएल लैंड एसेट्स में बदल दिया. इसे अप्रैल में स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड किया. सरकार की तरफ से शुरुआती बोलियां आमंत्रित किए जाने के बाद इसमें एक साल लग गया