MP : कृषि मंत्री कंसाना बोले- किसान कर्जमाफी हमारे घोषणापत्र में नहीं, एक आदमी बताओ जिसने खाद की समस्या के कारण फसल न बोई हो

भोपाल। मोहन सरकार के दो साल पूरे होने पर भोपाल में कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि विभाग की उपलब्धियां बताईं। इस दौरान कृषि मंत्री से पत्रकारों ने पूछा कि दो साल की उपलब्धियों में किसान कर्जमाफी योजना का कहीं जिक्र नहीं किया? क्या वो योजना बंद कर दी गई है?
इसके जवाब में कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने कहा- किसान ऋणमाफी योजना हमारे घोषणा पत्र में कुछ था ही नहीं। ये कांग्रेस के में था भाजपा के में नहीं था। हमारे तो चुनाव घोषणा पत्र में था ही नहीं। भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में ये था मप्र में हमारी सरकार बनेगी तो हम किसान का कर्जा माफ करेंगे। इस पर कमलनाथ जी की सरकार बनी। और जब कमलनाथ ने उस वादे को पूरा नहीं किया तो वह सरकार चली भी गई थी ये आपको मालूम है।
एक आदमी बताओ जिसने खाद समस्या के कारण फसल न बोई हो
खाद संकट को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री कंसाना ने कहा- खाद की कोई समस्या नहीं हैं। ये कांग्रेस के मित्र कहते हैं। मप्र में कोई एक आदमी बता दो जो कहे कि मैं खाद की समस्या की वजह से फसल नहीं बो पाया। कोई एक आदमी बता दो जो आपको मिला हो। मैनेजमेंट के लिए हम लोग खाद की होम डिलीवरी करा रहे हैं। घर-घर तक खाद पहुंचाएंगे।
खाद की लाइन वाले वीडियो प्री-प्लान तरीके से बनते हैं
खाद की लाइन में किसानों की पिटाई और दुर्व्यवहार वाले वीडियो पर कृषि मंत्री ने कहा- वो वीडियो कैसे आते हैं ये मेरे ख्याल से आपको भी मालूम है और मुझे भी मालूम है। वो बडे़ प्री-प्लान से सौ लोगों के बीच में चंद चार लोगों को घुसा दिया। और उन लोगों ने हो-हल्ला किया, किसी में थप्पड़ दिया। ये सब प्री-प्लान है। ये हमारे किसानों को गुमराह करने की साजिश है।
कृषि मंत्री ने दो साल की यह उपलब्धियां गिनाईं
प्रदेश आज सोयाबीन और मक्का उत्पादन में देश में पहले नंबर पर है। जबकि गेहूं, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज में दूसरे स्थान पर है।
सिंचाई रकबा 2002-03 में 7.5 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2024-25 में 55 लाख हेक्टेयर हो गया है, जिसे अगले तीन वर्षों में 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पिछले दो सालों में 48.51 लाख किसानों से 2.41 करोड़ मीट्रिक टन अनाज खरीदा गया और 81,768 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। सोयाबीन भावांतर योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों को हजारों करोड़ रुपए की सहायता दी गई।
रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना के तहत 16 जिलों में कोदो- कुटकी की खरीदी शुरू की गई है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना में प्रदेश के 8 जिले शामिल हैं।





