Success Story : महाराष्ट्र के जालना जिले के एक छोटे से गांव शेलगांव से निकलकर अंसार शेख ने वो कारनामा कर दिखाया जो लाखों युवाओं का सपना होता है। साल 2016 में मात्र 21 साल की उम्र में उन्होंने भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक UPSC सिविल सर्विस परीक्षा पास कर ली और देश के सबसे कम उम्र के IAS अफसर बन गए। उन्होंने यह सफलता पहले ही प्रयास में हासिल की थी और ऑल इंडिया रैंक 361 लाकर सबको चौंका दिया था।
उस दौरान अंसार के पिता एक ऑटो रिक्शा चालक थे और मां खेतों में मजदूरी करती थीं। आर्थिक हालात इतने खराब थे कि अंसार के भाई ने स्कूल की पढ़ाई सातवीं कक्षा में ही छोड़ दी और एक गैरेज में काम करने लगे ताकि छोटे भाई की पढ़ाई जारी रह सके। उनकी बहन की शादी महज 15 साल की उम्र में कर दी गई थी। मगर इन तमाम मुश्किलों के बावजूद अंसार ने हार नहीं मानी।
उन्होंने बारहवीं में 91% अंक हासिल किए और इसके बाद पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया, जिसमें उन्होंने 73% अंक प्राप्त किए। कॉलेज खत्म करने के बाद उन्होंने पूरी लगन और ईमानदारी से UPSC की तैयारी शुरू की। उन्होंने न तो महंगी कोचिंग की और न ही किसी तरह की विशेष सुविधा ली, बस खुद पर भरोसा रखा और मेहनत करते रहे।
पॉलिटिकल साइंस को बनाया वैकल्पिक विषय
अंसार UPSC की परीक्षा तीनों फेज प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू से गुजरते हैं। अंसार ने इस कठिन परीक्षा को पहले प्रयास में ही पास किया। उनका वैकल्पिक विषय पॉलिटिकल साइंस था और उन्होंने मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू मराठी भाषा में दिए। यह भी दिखाता है कि भाषा कभी भी सफलता की बाधा नहीं होती, अगर आपका इरादा पक्का हो।
बंगाल काडर में हुई पोस्टिंग
साल 2022 में अंसार शेख की पोस्टिंग पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) के तौर पर हुई। उनकी यह सफलता आज लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है। अंसार की कहानी इस बात की गवाही देती है कि चाहे हालात कैसे भी हों, अगर मेहनत और धैर्य हो तो कोई भी सपना सच्चाई बन सकता है।