Manorama: फिल्म इंडस्ट्री की चमक-दमक के बीच कुछ ऐसे किस्से भी होते हैं, जो दिल को छू जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसी अभिनेत्री की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिनकी जिंदगी संघर्ष, समर्पण और सफलता की मिसाल है. हम बात कर रहे हैं ‘आची’ के नाम से मशहूर तमिल सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री मनोरमा की. मनोरमा का जन्म 26 मई 1937 को तमिलनाडु के मन्नारगुड़ी में हुआ था. उनकी मां परिवार का पालन-पोषण नौकरानी का काम करके करती थीं. जब उनकी मां की तबियत खराब हुई तो मनोरमा ने 11 साल की उम्र में स्कूल छोड़कर काम करना शुरू किया. एक दिन उनके गांव में एक नाटक मंडली आई और जब एक सदस्य बीमार पड़ा तो मनोरमा को वो भूमिका निभाने का मौका मिला. यहीं से उनके अभिनय करियर की शुरुआत हुई.
फिल्मी करियर की शुरुआत
1958 में तमिल फिल्म ‘मलयित्ता मंगई’ से मनोरमा ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया, लेकिन 1960 के दशक में उन्होंने कॉमेडी की दिशा में कदम बढ़ाया. उनकी जोड़ी अभिनेता नागेश के साथ बहुत हिट रही. उन्होंने लगभग 1500 फिल्मों में अभिनय किया और 5000 से अधिक स्टेज शो किए. उनकी बहुमुखी प्रतिभा के कारण उन्हें ‘कॉमेडी क्वीन’ के उपनाम से जाना जाता था. मनोरमा को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले. साल 1995 में उन्हें ‘कलैमामणि’ पुरस्कार मिला. साल 2002 में भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया. इसके अलावा उन्होंने ‘पुधिया पथाई’ फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता. उनकी उपलब्धियों में एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी शामिल है, जिसमें उन्होंने 1000 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया.
कैसा रहा उनका निजी जीवन
मनोरमा की शादी साल 1954 में अपने नाटक मंडली के मैनेजर एसएम रामनाथन से हुई थी. साल 1955 में उनका एक बेटा भूपति हुआ, लेकिन बेटे के जन्म के कुछ समय बाद ही उनके पति ने ज्योतिषी की भविष्यवाणी का हवाला देते हुए उन्हें छोड़ दिया. इस घटना ने मनोरमा को गहरे सदमे में डाल दिया, लेकिन उन्होंने अपने बेटे की परवरिश अकेले ही की. उन्होंने दोबारा शादी नहीं की और अपने करियर पर ध्यान केंद्रित किया. मनोरमा का जीवन सिनेमा और राजनीति का अद्भुत संगम था. उन्होंने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री सी एन अन्नादुरई, एम करुणानिधि, एम जी रामचंद्रन, जे जयललिता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन टी रामा राव के साथ फिल्मों में काम किया. यह एक ऐसी अनोखी उपलब्धि है, जो उनके करियर की विविधता को दर्शाती है.
अंतिम समय और विरासत
मनोरमा का निधन 10 अक्टूबर 2015 को चेन्नई में हुआ. उनकी मृत्यु के समय उनकी उम्र 78 साल थी. उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में ऐसी खाली जगह पैदा हुई, जिसे सालों बाद आज भी भरा नहीं जा सकता है. उनके बेटे भूपति ने कहा, ‘मेरी दुनिया उजड़ गई.’ मनोरमा की विरासत आज भी जीवित है और उनकी फिल्मों और अभिनय के माध्यम से वे हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी.