2000 के दशक में बॉलीवुड में लव स्टोरी और एक्शन फिल्मों का बोलबाला था, उसी दौरान कुंदन शाह के निर्देशन में 19 मई, 2000 को एक फिल्म आई ‘क्या कहना’। इस फिल्म ने ना सिर्फ सामाजिक सोच को झकझोरा, बल्कि संवेदनशील विषयों पर आधारित फिल्मों को दिखाने का साहस भी दिखाया। प्रीति जिंटा, सैफ अली खान और चंद्रचूड़ सिंह अभिनीत इस फिल्म ने दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी थी। फिल्म के विषय को देखते हुए निर्माताओं तक ने इसे नकार दिया था, लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी। इस फिल्म का संगीत लोगों के दिलों-दिमाग में इस कदर छाया था कि वो हमेशा इसे गुनगुनाते रहते थे। आज सोमवार के दिन ‘क्या कहना’ फिल्म ने अपनी रिलीज के 25 साल पूरे कर लिए हैं। फिल्म के सिल्वर जुबिली के मौके पर जानेंगे इससे जुड़े 10 किस्सों के बारे में। आइए जानते हैं।
फिल्म ‘क्या कहना’ की शूटिंग साल 1997 में शुरू हुई थी और इसे 1 जुलाई 1998 को रिलीज किया जाना था। अगर उस समय पर फिल्म रिलीज होती, तो यह प्रीति जिंटा की पहली फिल्म होती। लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से फिल्म की रिलीज टल गई, फिर इसे 19 मई 2000 में रिलीज किया गया। इस बीच प्रीति ने कई और फिल्में कीं जैसे- ‘दिल से’, ‘सोल्जर’ और दो तेलुगु फिल्में भी कीं। इस वजह से अभिनेत्री को दर्शकों ने ‘क्या कहना’ फिल्म से पहले ही पहचान लिया था, लेकिन इस फिल्म ने एक्ट्रेस को अभिनय की दुनिया में एक अलग पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया था।
फिल्म के दौरान निर्माता रमेश तौरानी अभिनेता चंद्रचूड़ सिंह को हटाकर सलमान खान को लेना चाहते थे। इसके लिए चंद्रचूड़ को कानूनी दस्तावेज पर साइन करना जरूरी था, जिस पर लिखा था कि अभिनेता को निकाले जाने से निर्माता को कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि, चंद्रचूड़ ने साइन करने से मना कर दिया, जिस कारण फिल्म की शूटिंग छह महीने तक रुकी रही और प्रोजेक्ट में देरी हुई।
कहा जाता है कि फिल्म निर्माता रमेश तौरानी को सैफ अली खान और चंद्रचूड़ सिंह की बॉक्स ऑफिस पर पहचान का कोई भरोसा नहीं था। इसलिए उन्होंने फिल्म की पब्लिसिटी में सिर्फ प्रीति जिंटा को मुख्य केन्द्र में रखा। वहीं, सैफ अली खान और चंद्रचूड़ सिंह की तस्वीर सीडी एल्बम के पीछे लगाई गई।
इस फिल्म के बारे में निर्माता रमेश तौरानी ने बताया कि फिल्म में सैफ अली खान की भूमिका की जगह पहले किसी और अभिनेता को कास्ट किया गया था। फिर शूटिंग शुरू होने से एक हफ्ते पहले ही उस अभिनेता ने बिना कोई जानकारी दिए फिल्म छोड़ दी। इसके बाद मजबूरी में सैफ को फिल्म में लिया गया और भूमिका उन्हें दी गई।
फिल्म में मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे गानों और राजेश रोशन के संगीत का असर ये रहा कि इसका म्यूजिक उस साल यानी साल 2000 में बिके फिल्म म्यूजिक के टॉप 10 में शामिल रहा। इस फिल्म के कुछ गाने ‘ऐ दिल लाया है बहार’, ‘ओ सोनिए दिल जानिए’, जैसे संगीत लोगों के मन-मस्तिष्क में छा गए थे।
‘क्या कहना’ फिल्म के टाइटल के लिए भी बहुत संघर्ष करना पड़ा था। निर्माताओं ने पहले फिल्म का टाइटल मुख्य किरदार के नाम पर ही रखने का सोचा था प्रीति। हालांकि, बाद में निर्माण के दौरान एक समय फिल्म का नाम ‘क्या यही प्यार है’ था। अंतत: फिल्म का नाम ‘क्या कहना’ रखा गया, जो कहानी को सूट करता है।
सैफ अली खान ‘क्या कहना’ फिल्म में ग्रे शेड रोल में नजर आए थे। यह उनकी पहली फिल्म थी, जिसमें वह निगेटिव रोल में नजर आए थे। वहीं, आपको बताते चलें कि सैफ अली खान और चंद्रचूड़ सिंह की साथ में यह एकमात्र फिल्म है।
फिल्म में अनुपम खेर के किरदार को खूब सराहना मिली थी। साथ ही आपको बताते चलें कि फिल्म में पहले अनुपम खेर की जगह दिवगंत अभिनेता अमरीश पुरी को अभिनय करना था, लेकिन बाद में अनुपम का ही नाम फाइनल किया गया।
‘क्या कहना’ की कहानी के प्लॉट ने दर्शकों का दिल जीत लिया था। इस फिल्म में प्रिया (प्रीति जिंटा) से अजय (चंद्रचूड़ सिंह) प्यार करता है। लेकिन कॉलेज में प्रिया को राहुल (सैफ अली खान) अच्छा लगता है, जिस कारण दोनों में दोस्ती होती है, प्रेम होता है और एक दिन प्रिया को पता चलता है कि वह गर्भवती है। प्रिया के माता पिता पहले तो राहुल के घर जाकर दोनों की शादी की बात करते हैं पर बेइज्जत होने पर वह प्रिया को ही घर से निकाल देते हैं। प्रिया तमाम दिक्कतों के बाद भी गर्भपात को राजी नहीं होती है और अपने बच्चे को जन्म देना चाहती है। प्रिया का मां बनने का ये संघर्ष ही फिल्म को महिला दर्शकों की सहानुभूति दिलाने में सफल रहा।