‘नो रूल मैन’ का क्या है कारण?
माता-पिता से ज्यादा लाड-प्यार दादा-दादी करते हैं। एक पल के लिए माता-पिता भले ही अपने बच्चों के प्रति थोड़े सख्त मिजाज हो जाएं और उन्हें सुधारने के लिए कड़े नियम बनाएं, लेकिन दादा-दादी ऐसा नहीं करते हैं। पंकज कपूर (Pankaj Kapur) भी कुछ ऐसे ही दादा हैं। वह शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) के बच्चों पर जान छिड़कते हैं।
पंकज कपूर ने दो शादियां की हैं। उन्होंने पहली शादी 1979 में नीलिमा अजीम से की थी, जिनसे वह 1984 में अलग हो गए थे। नीलिमा से पंकज को एक बेटा है, जो शाहिद कपूर हैं। 1988 में पंकज ने दूसरी शादी सुप्रिया पाठक से की, जिनसे उन्हें दो बच्चे सना और रुहान हैं।
पंकज कपूर को नो रूल मैन बुलाते हैं बेटे
शाहिद कपूर अपनी मां नीलिमा और परिवार के साथ रहते हैं। एक हालिया इंटरव्यू में पंकज कपूर ने बताया कि जब भी शाहिद के बच्चे उनके घर में आते हैं तो वहां उनके लिए कोई रूल नहीं होता है। न्यूज 18 के साथ बातचीत में पंकज ने कहा, “मुझे लगता है कि मैं अपने पोता-पोती को बहुत लाड़-प्यार करता हूं। वे मुझे बाबा कहकर बुलाते हैं। एक बार मेरे नाती की चचेरी बहन उसके साथ मेरे घर आई और उसने उससे पूछा कि वह मुझे क्या बुलाए। मेरे नाती ने उससे कहा कि वह मुझे ‘नो-रूल मैन’ कहे।”
पंकज कपूर के घर में नहीं होता कोई रूल
पंकज कपूर ने बताया कि क्यों उनके पोता-पोती उन्हें नो रूल मैन कहते हैं। दरअसल, शाहिद कपूर के बच्चों के लिए बाबा के घर में कोई रोक-टोक नहीं होता है। बिन्नी एंड फैमिली स्टार ने कहा, “इसके पीछे कारण यह है कि मैंने हमेशा अपने पोते-पोती से कहा है कि जब वे बाबा के घर आते हैं तो उनके लिए कोई नियम नहीं होते हैं और वे जो चाहें कर सकते हैं। यह उनका रोमांच है। हर बार जब वे अपने बाबा के घर आते हैं, तो उन्हें मुझसे पूछने की जरूरत नहीं होती है कि वे क्या करना चाहते हैं या क्या नहीं।”
Pankaj Kapur
पंकज कपूर ने आगे कहा कि भले ही उन्होंने अपने पोता-पोती को खुली छूट दे रखी है, लेकिन उनकी नजर हमेशा उन पर होती है। अगर वह कुछ गलत करेंगे तो वह जरूर उन्हें टोकेंगे। उन्होंने कहा कि शाहिद और मीरा बच्चों को कंट्रोल नहीं करते हैं। वह बस चाहते हैं कि उनके पोता-पोती जब बाबा के घर आएं तो वह फ्री महसूस करें।