Waqf: जेपीसी ने वक्फ विधेयक में 14 संशोधनों को दी मंजूरी, विपक्ष का आरोप- उनकी बात नहीं सुनी गई

नई दिल्ली। वक्फ विधेयक को लेकर बनी संयुक्त संसदीय समिति ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सांसदों के विधेयक में सुझाए गए कई सुझाव स्वीकार कर लिए हैं। हालांकि विपक्षी सांसदों का आरोप है कि उनके सुझावों को नकार दिया गया। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। वहीं समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि समिति द्वारा सुझाए गए बदलावों से बेहतर और प्रभावशाली कानून बनेगा।

विपक्षी सांसदों ने जेपीसी की बैठकों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया नष्ट होने का आरोप लगाया। टीएमसी सांसद और जेपीसी के सदस्य कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि जेपीसी बैठक के दौरान उनकी बात नहीं सुनी गई और जगदंबिका पाल तानाशाही तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने पूरी प्रक्रिया को हास्यास्पद करार दिया। कल्याण बनर्जी ने कहा कि ‘उन्होंने वही तय किया, जो उन्होंने पहले से तय किया हुआ था। यह लोकतंत्र के इतिहास में काला दिन है।’ हालांकि जगदंबिका पाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक तरीके से हुई और बहुमत के आधार पर फैसले लिए गए।

जेपीसी में 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया
जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने जेपीसी की बैठक के बाद कहा कि ‘ये हमारी आखिरी बैठक थी। जेपीसी की बैठकों में 44 संशोधनों पर चर्चा हुई। हमने सभी सदस्यों से प्रस्तावित संशोधन मांगे थे। समिति ने 14 संशोधनों को बहुमत के आधार पर स्वीकार किया है। विपक्ष ने भी कुछ संशोधन सुझाए थे, लेकिन जब इन्हें लेकर मतदान कराया गया तो उन्हें बहुमत के आधार पर खारिज कर दिया गया।

जेपीसी की सदस्य सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि जेपीसी की बैठक पूरे लोकतांत्रिक तरीके से संपन्न हुईं। सभी को बोलने का मौका दिया गया। 108 घंटे विधेयक पर चर्चा हुई और 284 हितधारकों से बात की गई। समिति ने, जिन संगठनों के लोग दिल्ली नहीं आ सके, उनके सदस्यों से विभिन्न राज्यों में जाकर विधेयक पर चर्चा की।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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