देवी अहिल्याबाई के योगदान को सम्मानित करने के लिए सरकार की पहल : विष्णुदत्त शर्मा

भोपाल। डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने देवी अहिल्याबाई होल्कर के सुशासन, शासन की व्यवस्था जैसा आदर्श शासन मध्यप्रदेश में कैसे बनाया जा सकता है, उसकी शुरूआत और तैयारी के लिए मंगलवार को इंदौर के राजवाड़ा में मध्यप्रदेश की कैबिनेट बैठक सम्पन्न हुई। मध्यप्रदेश में हमारी सरकार देवी अहित्याबाई होल्कर के शासनकाल जैसा सुशासन धार्मिक, सांस्कृतिक, किसानों सहित हर क्षेत्र में लाने के लिए इंदौर के राजवाडा में केबिनेट बैठक आयोजित की गयी। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पूरी कैबिनेट का आभार प्रकट करते हुए अभिनंदन व धन्यवाद करता हूं। देवी अहिल्या बाई नारी शक्ति, जनकल्याण और न्यायप्रिय शासन की प्रतीक थीं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सत्ता सेवा का माध्यम होनी चाहिए। आज जब सरकार उनके पदचिन्हों पर चलकर गरीब, वंचित, और अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के लिए काम कर रही है, तब यह आयोजन एक आध्यात्मिक और वैचारिक प्रेरणा का कार्य करता है। 

इंदौर, मालवा और समूचा मध्यप्रदेश के लिए यह आयोजन स्मरणीय और प्रेरक है। यह केवल एक कैबिनेट बैठक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना का उत्सव और विरासत का सम्मान है। देवी अहिल्या बाई नारी शक्ति जनकल्याण और न्यायप्रिय शासन की प्रतीक थीं, उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सत्ता सेवा का माध्यम होना चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज मध्यप्रदेश कैबिनेट ने नए विकास की परिकल्पना को साकार करने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इंदौर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर इन पांच शहरों के अंदर मेट्रोपॉलिटन शहर में एक काउंसिल बनाकर शहरी विकास की नई परिकल्पना को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की है। अब वृहन्न मुम्बई नगरपालिका की तर्ज पर पूरे मध्यप्रदेश के समग्र विकास के लिए यह निर्णय एक ऐतिहासिक कदम है। मां अहिल्याबाई होल्कर ने सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक चेतना के लिए देश में उल्लेखनीय कार्य किया था। आज उसी संकल्पना पर आगे बढ़ते हुए ओंकारेश्वर में 2200 करोड़ से अद्वैत लोक संग्रहालय बनाने का निर्णय किया है। यह एक वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित होगा और आदि शंकराचार्य पर अध्ययन से लेकर अन्य बिंदुओं का समावेश होगा। 

केबिनेट का यह निर्णय हमारी पूर्ववर्ती सरकार की संकल्पना के तहत है जिसमें ओंकारेश्वर में आदिशंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित की है। देवी अहिल्याबाई होल्कर की राह पर पर चलते हुए आज हमारी सरकार सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक चेतना के केंद्र विकसित करने का कार्य कर रही है। देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती को लेकर 21 से 31 मई तक मध्यप्रदेश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी 31 मई को लगभग दो लाख नारी शक्ति को भोपाल में संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन में स्व सहायता समूह, ड्रोन दीदी सहित आत्मनिर्भर व सशक्त नारी के तौर पर कार्य करने वाली बहनें शामिल होंगी। सम्मेलन में शहीदों की विधवाओं हमारी माताओं-बहनों को सम्मानित भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री जी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। देवी अहिल्याबाई होल्कर ने भी अपने शासन व्यवस्था में सैनिकों की विधवा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महेश्वर साड़ी की शुरूआत की थी। कैबिनेट ने एक और बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत एक्सीडेंट में घायल को समय पर उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाने, मदद करने वालों को पुरस्कृत करने का भी निर्णय लिया है। यह निर्णय घायलों को समय पर मदद पहुंचाने में बहुत कारगर साबित होगा।

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