कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट करवाने वाले दो मरीजों की मौत हो चुकी है. जान गंवाने वाले दोनों युवकों ने एक ही डॉक्टर से अपना हेयर ट्रांसप्लांट करवाया था. अपने को हेयर ट्रांसप्लांट डॉक्टर बताने वाली अनुष्का तिवारी के एम्पायर क्लिनिक में ही इन दो लोगों का हेयर ट्रांसप्लांट किया गया था और दोनों की मौत हो गई. इस मामले में एक एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है, जबकि दूसरे मामले में जांच चल रही है. अब इस क्लीनिक से हेयर ट्रांसप्लांट कराने वाला एक मरीज सामने आया है जिसने क्लीनिक और डॉक्टर की पोल खोल दी है. उसके अनुसार क्लीनिक में लेबर टाइप के कारीगर हेयर ट्रांसप्लांट करते थे.
कानपुर के रामजी सचान ने एम्पायर क्लिनिक से अपना हेयर ट्रांसप्लांट कराया था. उनका ट्रांसप्लांट मात्र 30% ही चल पाया जबकि डॉक्टर ने पैसे पूरे लिए थे. रामजी के अनुसार एम्पायर क्लिनिक में जो लड़के हेयर ट्रांसप्लांट करते हैं वो लेबर टाइप के कारीगर होते हैं. उनको देखकर लगता ही नहीं कि उनके पास कोई भी सर्टिफिकेट होगा. उन्होंने बताया कि अभी तक जो दो मामले सामने आए हैं, उसमें पूरी सच्चाई हो सकती है.
रामजी के अनुसार हेयर ट्रांसप्लांट के बाद भी उसके सिर्फ 30 प्रतिशत बाल आए जबकि 70 प्रतिशत आए ही नहीं. जब इस बारे में उन्होंने अनुष्का तिवारी से बोला तो उन्होंने कहा कि दुबारा आ जाना फिर से करवा देंगे. रामजी इसलिए नहीं गए क्योंकि उनको क्लीनिक का माहौल और वहां काम करने वाले लोग सही नहीं लगे.
रामजी ने बताया कि हेयर ट्रांसप्लांट करने वाली कहीं से भी प्रोफेशनल नहीं लगते थे. यहां तक कि अनुष्का तिवारी के पास हेयर ट्रांसप्लांट की कोई डिग्री भी होने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि वो जो भी दवा लिखती थी वो सादे पर्चे पर लिखती थी. इसमें उनकी डिग्री का कहीं भी जिक्र नहीं होता था.
रामजी के अनुसार वो किस्मत वाले थे कि उनकी जान बच गई क्योंकि उनके चेहरे में भी सूजन आई थी और सर पत्थर जैसा हो गया था. उन्होंने बताया कि इस पूरे प्रोसेस में तकरीबन 6 घंटे लगते है और पूरी प्रक्रिया काफी दर्दनाक होती है.