डिप्टी सीएम और अखिलेश के बीच जुबानी जंग तेज

लखनऊ। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग जारी है। विवाद की शुरुआत सपा के मीडिया सेल द्वारा ब्रजेश पाठक पर डीएनए वाले आपत्तिजनक कमेंट के बाद हुई। इसको लेकर पाठक ने आपत्ति जताते हुए अखिलेश पर निशाना साधा। जवाब में अखिलेश ने लंबा-चौड़ा पोस्ट कर अपनी सफाई दी, साथ ही डिप्टी सीएम को भी मर्यादा में रहने की हिदायत दी। 
ऐसा लगा कि अब इस पोस्ट के बाद विवाद समाप्त हो जाएगा और दोनों नेता खामोश  हो जाएंगे, लेकिन अखिलेश यादव के पोस्ट के बाद ब्रजेश पाठक ने फिर दो पोस्ट किए और सपाइयों को शिशुपाल की संज्ञा दे डाली।  पाठक यहीं नहीं रुके उन्होंने इसके बाद सोमवार को एक और पोस्ट की और समाजवादी पार्टी की मानसिकता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अखिलेश जी आप इस बात को समझिए कि डीएनए में खराबी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है, जिसके बाद अखिलेश ने इशारों में जवाब देते हुए पोस्ट में लिखा- हुक्मरानों की बदज़ुबानी पर भी आज़ाद, और किसी की सच कहने पर गिरफ़्तारी। 
इन सबके बीच बीजेपी के लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी की शिकायत पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। द्विवेदी ने आरोप लगाया कि सपा के आधिकारिक हैंडल से ब्रजेश पाठक की दिवंगत माता को लेकर आपत्तिजनक शब्द लिखे गए थे, जो पार्टी की महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरु कर दी है। 
बता दें समाजवादी पार्टी मीडिया सेल नाम के एक्स हैंडल से 16 मई को एक पोस्ट किया गया था, जिसमें यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को लेकर बेहद ही आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इस पोस्ट में पाठक के डीएनए पर सवाल उठाते हुए अमर्यादित भाषा इस्तेमाल किया गया था, जिसको लेकर ब्रजेश पाठक ने आपत्ति जताई और सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछा- ये आपकी पार्टी की भाषा है? ये आपकी पार्टी का आफिशियल हैंडल है। किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए शब्दों का ये चयन है? लोकतंत्र में सहमति-असहमति-आरोप-प्रत्यारोप सब चलते आए हैं और चलते रहेंगे पर आप अपनी पार्टी को इस स्तर पर ले आएंगे? क्या डिंपल जी इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी?

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