विशेष पिछड़ी जनजाति के ठेमुराम कमार को मिला पीएम आवास

रायपुर :  छत्तीसगढ़ की अति पिछड़ी जनजातियों में शामिल कमार जनजाति की घटती आबादी को देखते हुए शासन द्वारा इन्हें विशेष संरक्षण प्रदान किया गया है। इसी जनजाति के ठेमु राम कमार जो धमतरी जिले के नगरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पिपरही भर्री निवासी है। उन्होंने बताया कि पहले अपने परिवार के साथ टूटी-फूटी झोपड़ी में बेहद कठिन हालातों में जीवन व्यतीत कर रहे थे। चार सदस्यीय परिवार के मुखिया ठेमु राम बरसात के मौसम को सबसे ज्यादा डरावना मानते थे, जब खपरैल के बीच से टपकते पानी के कारण पूरी रात जागकर बितानी पड़ती थी। तेज हवाओं के हर झोंके के साथ डर का साया मंडराता रहता था कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए। ऐसे में जीवन बस जैसे-तैसे कट रही थी।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) इस परिवार के लिए आशा की नई किरण बनकर आई। योजना के तहत ठेमु राम को पक्का मकान स्वीकृत हुआ। उनकी पत्नी पार्वती को शुरुआत में आशंका थी कि योजना का लाभ लेना आसान नहीं होगा, लेकिन सरकारी प्रक्रिया पारदर्शी रही और उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं उठानी पड़ी। तय समय पर खाते में किस्तों की राशि मिली और ठेमु राम ने अपने ही मकान के निर्माण कार्य में खुद श्रमिक बनकर मेहनत की। एक-एक ईंट जोड़कर उन्होंने अपने परिवार का सपना साकार किया। आज उनका परिवार सुरक्षित, सम्मानजनक और खुशहाल जीवन जी रहा है। ठेमूराम कमार बताते है कि अब बारिश उनके लिए डर नहीं बल्कि सुकून की फुहारें लेकर आती है। पक्की छत के नीचे वे निश्चिंत होकर चौन की नींद सोते हैं। ठेमु राम ने बताया कि वे राजमिस्त्री हैं और मनरेगा के तहत उन्हें रोजगार भी मिलता है। शासन की महतारी वंदन योजना के तहत उनकी पत्नी को प्रतिमाह एक हजार रूपये मिलते हैं। साथ ही आयुष्मान भारत योजना, राशन कार्ड जैसी योजनाओं से भी उनके परिवार को लाभ हो रहा है। आज कमार जनजाति का यह परिवार शासन की योजनाओं का सजीव उदाहरण है कि सही दिशा, इच्छाशक्ति और सरकारी सहयोग से जीवन को बदला जा सकता है। ठेमु राम कमार ने अपने शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का हृदय से धन्यवाद देते हुए कहा-“अब हमारा जीवन अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ चुका है, हमारा सपना सच हो गया।

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