पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है. शनिवार को भारत पाकिस्तान का असली चेहरा यूएन के सामने लेकर आया. दरअसल भारत ने शनिवार को सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान की गलत सूचना को लेकर आलोचना की, जिसे भारत सरकार ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद स्थगित कर दिया था. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने सिंधु जल समझौते के मुद्दे पर बात करते हुए कहा, ‘पानी जीवन है, युद्ध का हथियार नहीं.’ जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि यह संधि तब तक स्थगित रहेगी. जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को अपनी गोद में पालना बंद नहीं कर देता. यूएन के सामने कुछ बातें रखकर हरीश ने पाकिस्तान को बेनकाब किया.
मित्रता के कारण हुआ था सिंधु जल समझौता
हरीश ने कहा कि भारत ने यह सिंधु जल संधि सद्भावनापूर्वक और मित्रता के लिए की थी. लेकिन पाकिस्तान की तरफ से पिछले 65 सालों में एक भी बार मित्रता नहीं दिखाई गई. पाकिस्तान ने इन सालों में भारत पर हजारों आतंकी हमले किए. इन हमलों में भारत के लगभग 20,000 आम नागरिक मारे गए. इसके आगे उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी भारत ने धैर्य से काम लिया और दरियादिली दिखाई. लेकिन अब ये नया भारत है किसी भी तरह के आतंकवाद को स्वीकार नहीं करेगा.
पाकिस्तान ने नेविगेशन परियोजना पर भी किया वार
हरीश कहते हैं कि पाकिस्तान ने न सिर्फ सीमा पर आतंकी हमले किए बल्कि भारत की तरफ से शुरू की गई परियोजनाओं पर भी हमले किए, जिससे ऊर्जा उत्पादन, जलवायु परिवर्तन पर काफी असर पड़ा. उन्होंने कहा कि 2012 में आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में बनी तुलबुल नौवहन परियोजना पर भी हमला किया था. पाकिस्तान की तरफ से इस तरह का हमला परियोजनाओं की सुरक्षा और नागरिकों के जीवन के लिए खतरा है.
जब तक पाकिस्तान में आतंकी, संधि रहेगी स्थगित
हरीश ने कहा कि पाकिस्तान इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि वह आतंकवाद को नहीं पाल रहा हैं. पाकिस्तान में पल रहा आतंकवाद भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा, ‘यह संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि पाकिस्तान, जो आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है, विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन समाप्त नहीं कर देता.’ इसके आगे उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ही है जो सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने एक दिन बाद ही यानी 23 अप्रैल को पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया था. जिसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को पाकिस्तान में घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. 10 मई को पाकिस्तान ने भारत के सामने घुटने टेक दिए और दोनो देशों के बीच सीजफायर हुआ.