भोपाल। विश्व की सबसे बड़ी ग्राउंड वॉटर रिचार्ज परियोजनाओं में शामिल ताप्ती बेसिन परियोजना को लेकर शनिवार को मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सरकारों के बीच ऐतिहासिक एमओयू साइन हुआ। यह समझौता राजधानी भोपाल स्थित मंत्रालय में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में संपन्न हुआ।
यह एमओयू मप्र-महाराष्ट्र अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल की 28वीं बैठक के दौरान मिंटो हाल में हुआ। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के भोपाल आगमन पर एयरपोर्ट पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने स्वागत किया, वहीं मुख्यमंत्री निवास पर डॉ. मोहन यादव ने औपचारिक रूप से अगवानी की।
बैठक के बाद दोनों राज्यों ने ताप्ती बेसिन परियोजना को लेकर करार किया, जो भूजल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर मानी जा रही है। यह परियोजना जल प्रबंधन की दिशा में दो राज्यों की साझी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
सीएम डॉ. यादव बोले- ताप्ती प्रोजेक्ट बनेगा निमाड़ की जीवन रेखा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ताप्ती बेसिन परियोजना के साथ ही दोनों राज्यों के बीच एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश नदियों का मायका है — यहां 247 नदियां बहती हैं, और अब गोदावरी और ताप्ती से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर मिलकर काम किया जाएगा।
सीएम यादव ने भरोसा जताया कि जैसे केंद्र सरकार ने केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजनाओं में मदद की, उसी तरह इस परियोजना को भी केंद्र से सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से खंडवा और बुरहानपुर जैसे क्षेत्रों में पेयजल संकट से राहत मिलेगी और यह प्रोजेक्ट निमाड़ के लिए जीवन रेखा साबित होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों राज्यों के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों- ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर (एमपी) और त्रयंबकेश्वर, भीमाशंकर, घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र) को जोड़कर एक धार्मिक सर्किट बनाया जाएगा। इसके अलावा कॉरिडोर विकसित करने पर भी सहमति बनी है।
फडणवीस बोले- दोनों राज्यों को मिलेगा बड़ा फायदा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने ताप्ती बेसिन परियोजना पर एमपी-महाराष्ट्र समझौते के दौरान कहा कि 25 साल बाद दोनों राज्यों की बोर्ड बैठक हुई है, पिछली बैठक साल 2000 में हुई थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद ही राज्यों के बीच जल समझौते दोबारा शुरू हुए हैं, जिससे न सिर्फ परियोजनाएं आगे बढ़ीं, बल्कि जल संकट से निपटने के प्रयास भी तेज हुए।
फडणवीस ने कहा कि ताप्ती बेसिन परियोजना से मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र—दोनों राज्यों को बड़ा फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के अकोला, अमरावती सहित तीन जिलों में जहां खारा पानी है, वहां अब स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।