निलंबित IAS विनय चौबे ने परिवार के साथ की 10 विदेश यात्रा, करोड़ों का खर्च साली ने उठाया

रांची। निलंबित IAS अधिकारी विनय चौबे के पारिवारिक सदस्यों ने आठ साल में 10 विदेश यात्राएं की. इन यात्राओं पर करोड़ रुपये खर्च किए गए. इन विदेश यात्राओं का खर्च शिखा नामक महिला ने उठाया. शिखा, विनय चौबे की पत्नी स्वप्ना संचिता की बहन है.
चौबे की साली द्वारा अपनी बहन और जीजा की विदेश यात्राओं के करोड़ों का खर्च उठाने को एसीबी के अधिकारी आश्चर्यजनक मान रहे है. वास्तव में काली कमाई से की गई विदेश यात्रा के खर्च का सही साहित करने का हथकंडा है.

जानकारी के मुताबिक ACB द्वारा विनय चौबे की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले की जांच के दौरान यह पाया गया है कि चौबे के पारिवारिक सदस्यों ने वर्ष 2017 से 2024 तक की अवधि में 10 विदेश यात्राएं की. चौबे के पारिवारिक सदस्यों ने इस अवधि में जिन देशों की यात्राएं की उसमें अमेरिका, ब्रिटेन, डेनमार्क, थाईलैंड, ऑस्ट्रिया और इटली सहित दूसरे देश शामिल है.

जांच में पाया गया है कि इन विदेश यात्राओं का खर्च विनय चौबे की साली शिखा ने उठाया. शिखा द्वारा अपनी बहन और बहनोई की विदेश यात्राओं के करोड़ों का खर्च उठाना आश्चर्यजनक और संदेहास्पद है.
सामान्य तौर पर इन देशों की यात्रा के लिए सिर्फ टिकट पर 10-15 लाख रुपये का खर्च आता है. इसके अलावा होटल में रखना, खाना-पीना और सैर सपाटे का खर्च अलग है.
जांच एजेंसी यह मान रही है कि किसी कार्यरत IAS अधिकारी की विदेश यात्राओं का खर्च उसकी साली द्वारा उठाया जाना अस्वाभाविक भी है. यह रिश्तेदारों के माध्य से विदेश यात्रा दिखा कर खर्च के वास्तविक स्रोत को छिपाना के हथकंडा है.

प्रारंभिक जांच के दौरान इसे चौबे द्वारा अपनी काली कमाई से की गई विदेश यात्राओं पर किए गए खर्च को वैध साबित करने की कोशिश करना है. यह Indirect Payment का तरीका है, जिसे कानूनी तौर पर आर्थिक अपराध की श्रेणी में गिना जाता है.
जानकारी के मुताबिक ACB द्वारा इन यात्राओं में Indirect Payment System से किए गए खर्च के वास्तविक स्रोत को पता लगाने के लिए विस्तृत जांच की जा रही है. इस मुद्दे की जांच के लिए बैंक खाते, टिकटों की खरीद और आपसी लेनदेन से संबंधित दस्तावेज की जांच की जा रही है.
इसके अलावा इस बात की भी जांच की जा रही है कि विदेश यात्राओं के बाद चौबे के किसी करीबी व्यक्ति या रिश्तेदार को व्यापारिक या दूसरे तरह का कोई फायदा हुआ है या नहीं.

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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