Supreme Court : संजय कुमार को गलत चुनावी डेटा पर सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, पुलिस केस पर लगा दी रोक

चुनाव विश्लेषक संजय कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज पुलिस केस पर रोक लगाने का आदेश दिया है। सीएसडीएस से जुड़े संजय कुमार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर एक दावा किया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था। हालांकि वह डेटा गलत पाया गया और संजय कुमार ने माफी मांगते हुए उस ट्वीट को ही डिलीट कर दिया, जिसमें वह दावा किया गया था। संजय कुमार के ट्वीट को आधार मानते हुए विपक्षी दलों की ओर से विरोध भी चल रहा है, लेकिन अब उनकी ओर से ही माफी मांगे जाने से चीजें काफी बदल गई हैं। यही नहीं महाराष्ट्र में उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज हो गई और उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। इस लिहाज से सुप्रीम कोर्ट से उन्हें बड़ी राहत मिली है।
इस तरह शीर्ष अदालत ने लोकनीति-CSDS के सह-निदेशक संजय कुमार के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दर्ज सभी FIRs पर रोक लगा दी है। यह कार्रवाई उस विवाद के बाद हुई जिसमें संजय कुमार ने महाराष्ट्र की कुछ विधानसभा सीटों में मतदाता सूची में भारी बदलाव (जोड़-घटाव) का दावा किया था, जिसे बाद में उन्होंने ‘डेटा मिसरीडिंग’ यानी डेटा पढ़ने में गलती मानते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी। उनके खिलाफ एक केस तो नागपुर जिले के रामटेक पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था।
आरोप था कि उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर दो विधानसभा क्षेत्रों — रामटेक और देवला — में 2024 लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच मतदाता संख्या में भारी गिरावट का दावा किया था। उनके अनुसार, रामटेक में मतदाता संख्या 4,66,203 से घटकर 2,86,931 (38.45% की गिरावट) और देवला में 4,56,072 से 2,88,141 (36.82% की गिरावट) हो गई थी। हालांकि, बाद में संजय कुमार ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए ट्वीट डिलीट किया और सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।
उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में पोस्ट किए गए ट्वीट्स के लिए मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं। डेटा की तुलना में गलती हुई थी। हमारी डेटा टीम ने रो में डेटा को गलत पढ़ा। ट्वीट हटा दिया गया है। मेरा उद्देश्य किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाना नहीं था।’ पुलिस ने संजय कुमार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें धारा 175, 353(1)(B), 212, 340(1)(2) शामिल हैं।