ईरान और इजराइल के बीच छिड़ी जंग के बाद भारत ने अपने छात्रों को वहां से बाहर निकाला है. ऑपरेशन सिंधु के तहत स्टूडेंट्स को देश वापस लाया गया है. इसी बीच ईरान से दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड हुए जम्मू-कश्मीर के छात्रों ने बताया कि उनके लिए दिल्ली से श्रीनगर जाने के लिए जो बसें राज्य सरकार की तरफ से भेजी गई है, उनकी हालत काफी खराब है.
बसों को लेकर छात्रों के उठाए गए मुद्दों के बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया. सीएम उमर अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि इस मुद्दे पर गौर किया गया है और अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिया गया है.
छात्रों ने उठाया घटिया किस्म की बसों का मुद्दा
एक छात्रा ने कहा, ईरान-इजराइल की वॉर के बीच में हम लोग फंस गए थे. वहां पर बहुत हालत खराब हो गई थी. जिसकी वजह से हमें यहां पर लाया गया. पहले हमें सड़क के रास्ते आर्मेनिया पहुंचाया गया, उसके बाद फ्लाइट से हम दोहा पहुंचे और फिर हम वहां से दिल्ली आए. अब हम अपने घर कश्मीर जाने वाले थे.
छात्रा ने आगे कहा, हमें दिल्ली से श्रीनगर ले जाने के लिए बहुत ही घटिया किस्म की बसें थी. जिनमें शायद कोई जानवर भी नहीं रह सकता है. यहां पर काफी ज्यादा घटिया बसें थी. जिसकी वजह से हमें बहुत मुश्किल हुई और हम यहां खड़े हैं. हम ने सुबह 4 बजे लैंड किया है और तब से अब तक हम इतने घंटों से यहां पर सिर्फ इंतजार कर रहे हैं. कोई ऑफिसर हमें यहां लेने के लिए नहीं था.
छात्रा ने बसों को लेकर कहा, इन बसों की कंडीशन बहुत खराब है, हम इन में नहीं जा सकते थे. हम पिछले 5 घंटे से दिल्ली एयरपोर्ट पर खड़े हैं. और इससे पहले हम 4 दिन सफर करके आए हैं. बहुत हद तक इन बसों में हमारी सुरक्षा के साथ समझौता हो रहा था. जबकि सीएम उमर अब्दुल्ला साहब ने अपने ट्वीट में कहा था कि छात्रों को सुरक्षा के साथ बिना समझौता किए कश्मीर पहुंचाया जाएगा. साछ ही छात्रा ने भारत सही सलामत पहुंचने के लिए केंद्रीय सरकार का आभार जताया. उन्होंने कहा, यहां पर अच्छे से पहुंचने के लिए हम केंद्र सरकार का शुक्रिया करते हैं. हम बिना किसी परेशानी के यहां पहुंचे हैं.
“सुबह से हम बसों का इंतजार करे रहे हैं”
ईरान से भारत आए एक और छात्र ने कहा, बसें खस्ता हालत में है. हम 4-5 दिन से लगातार सफर कर रहे हैं. हम बहुत थके हुए हैं. यह बसें उस लायक नहीं है कि यह कश्मीर तक पहुंचे. हम ने डिमांड की थी कि अगर आप फ्लाइट के टिकट नहीं दे रहे हैं. हमें बस ही दे रहे हैं तो आप अच्छी सी बसें दें. न किसी ने कुछ खाना खाया है, न कुछ पिया है. सुबह से हम बसों का अभी तक इंतजार कर रहे हैं.
इसी के साथ छात्र ने कहा कि हम बड़े ही आराम से ईरान से भारत तक पहुंचे हैं. इसके लिए हम केंद्रीय सरकार का शुक्र अदा करते हैं. लेकिन अब यहां से कश्मीर जाने में हमें परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है.