फिल्मों के अजीब टाइटल ने किया नुकसान, ये 9 फिल्में फ्लॉप हो गईं

किसी भी बॉलीवुड फिल्म का टाइटल उसका सबसे बड़ा और अट्रैक्टिंग प्वाइंट होता है। इसका मेन मकसद ये होता है कि टाइटल ऐसा सेलेक्ट किया जाए ताकि लोग फिल्म देखने के लिए आकर्षित हों।

एक फिल्म का टाइटल ही इसका मुख्य बिंदु होता है जिसको देखकर दर्शक ये तय करते हैं कि वो फिल्म देखने जाएंगे या नहीं? खैर ये तो हुई अच्छे टाइटल की बात। आज हम आपको एक ऐसे ही टाइटल के बारे में बताएंगे जिसके बारे बहुत बुरे रिकॉर्ड दर्ज हैं।

खत्म हो गया था एक्ट्रेस का करियर

बॉलीवुड में आई कई फिल्मों ने इस टाइटल को अलग-अलग करके चुना लेकिन किसी ने भी इस नाम से सफलता दर्ज नहीं की। इस नाम से जुड़े होने के कारण लगभग नौ फिल्में फ्लॉप हो गईं जबकि एक स्टार तो फिल्म फ्लॉप होने की वजह से डिप्रेशन में चले गए। एक एक्ट्रेस का करियर ही खत्म हो गया। तो चलिए अब आपको और पहेलियों में बांधकर नहीं रखते हैं और सच्चाई खोल देते हैं। हम जिस टाइटल की बात कर रहे हैं वह है कर्ज।

डिप्रेशन में चले गए थे ऋषि कपूर

साल 1980 में ऋषि कपूर और सिमी ग्रेवाल की कर्ज नाम से एक फिल्म आई। बड़े एक्टर्स के होने के बावजूद फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गई थी। ऋषि ने खुद माना था कि फिल्म के खराब प्रदर्शन के कारण वह काफी समय तक डिप्रेशन में चले गये थे। लेकिन दुख की बात ये है कि ये अभिशाप यहीं खत्म नहीं हुआ।

सनी देओल की फिल्म हो गई थी फ्लॉप

साल 2002 में सनी देओल की एक फिल्म आई नाम था कर्ज:द बर्डन ऑफ ट्रूथ ये फिल्म भी फ्लॉप थी। इसके बाद साल 1980 की फिल्म कर्ज का रीमेक बनाकर साल 2008 में Karzzzz रिलीज की गई। इस फिल्म में हिमेश रेशमिया और उर्मिला मातोंडकर मुख्य किरदार में थे। ये फिल्म 24 करोड़ के बजट में बनी थी लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसने केवल 16 करोड़ का कलेक्शन किया।

इस फिल्म के बाद से उर्मिला का करियर लगभग खत्म ही हो गया। पिछले 10 सालों में उन्होंने कुछ एक फिल्म में केवल गेस्ट अपीयरेंस दिया। यहां तक कि फिल्म के निर्माता भी कंगाल होने की कगार पर आ गए थे।

अन्य कौन-कौन सी फिल्में हैं शामिल

इन फिल्मों के अलावा ये टाइटल छह अन्य फिल्मों में भी इस्तेमाल किया गया था। कर्ज तेरे खून का (1988), दूध का कर्ज (1990), प्यार का कर्ज (1990), कर्ज चुकाना है (1991), महान कर्ज (1991) और दूध का कर्ज (2016) सभी फ्लॉप रहीं। लगभग चार दशकों तक यह टाइटल फिल्म को सफल कराने में सचमुच अभिशाप ही साबित हुआ। तब से इसका उपयोग किसी भी फिल्म में नहीं किया गया है।

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