Saurabh sharma: करोड़पति कांस्टेबल से पूछताछ करने जेल पहुंची ईडी की टीम, तीन अफसर शामिल

भोपाल। आरटीओ के पूर्व करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा से पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम भोपाल केंद्रीय जेल पहुंची है। जेल में तीन अफसरों की टीम सुबह करीब 11 बजे से सौरभ से सवाल-जवाब कर रही है। उसके इनकम सोर्स, इनोवा कार में मिले 52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ रुपए कैश के साथ प्रॉपर्टी की जानकारी ली जा रही है। इसी जेल में सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल भी हैं। हालांकि, इन दोनों से आज कोई पूछताछ नहीं की जाएगी।

सौरभ शर्मा, उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे लोकायुक्त कोर्ट में पेश किया गया था। यहां करीब एक घंटे चली सुनवाई के बाद जज आरपी मिश्रा ने तीनों आरोपियों को 17 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। जेल में तीनों आरोपियों को ब खंड के अलग-अलग बैरक में रखा गया है।

चेतन और शरद से बाद में होंगे सवाल-जवाब
सूत्रों के मुताबिक, आज सिर्फ सौरभ से पूछताछ की जा रही है। सौरभ की प्रॉपर्टी, इन्वेस्टमेंट के साथ उसकी कंपनियों में हिस्सेदारी और विदेशी निवेश से जुड़े मसलों को भी ईडी ने निशाने पर रखा है। सौरभ से मिले जवाबों के आधार पर ईडी के अफसर चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल से अलग-अलग पूछताछ कर सकते हैं। इसके बाद आमने-सामने बैठाकर पूछताछ और जवाबों को क्रॉस चेक किया जा सकता है।

आयकर विभाग बना रहा पूछताछ की रणनीति
मामले में आयकर विभाग ने सौरभ शर्मा से पूछताछ को लेकर कोई रणनीति फाइनल नहीं की है। एक-दो दिन में आयकर विभाग पूछताछ संबंधी अगला स्टेप ले लेगा। इसको लेकर विभाग के इन्वेस्टिगेशन डीजी सतीश गोयल अधिकारियों से चर्चा कर प्लान को अंतिम रूप दे रहे हैं।

कर्मचारी, रिश्तेदारों को आरोपी बनाया जा सकता है
सूत्रों के मुताबिक, अब लोकायुक्त मेमोरेंडम में सौरभ के अन्य कर्मचारी, रिश्तेदार और करीबी परिचितों को भी आरोपी बनाया जा सकता है। सौरभ की कंपनियों में 50 से अधिक कर्मचारी थे। जिनकी सूची लोकायुक्त ने तैयार कर ली है। सौरभ के 18 खास रिश्तेदारों को भी नोटिस तामील किए जा चुके हैं।

जेल में भी तीनों एक साथ
जेल रिकॉर्ड के मुताबिक, सौरभ, चेतन और शरद को दोपहर 1:30 बजे जेल लाया गया। जेल नियम के अनुसार, तीनों की बारीकी से तलाशी ली गई। इसके बाद तीनों को एक साथ विचाराधीन बंदी वार्ड के ब खंड में दाखिल किया गया। इस खंड में तीनों एक साथ हैं।
इससे पहले रिमांड के दौरान तीनों को रात के समय में कोहेफिजा थाने के लॉकअप में एक साथ रखा जाता था। तीनों को फिलहाल कैदी नंबर नहीं दिया गया है। जल्द तीनों को जेल में नई पहचान के दौरान उनके कैदी नंबर दिए जाएंगे।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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