Saurabh sharma: धनकुबेर सौरभ शर्मा ने किया कोर्ट में सरेंडर

भोपाल। अंततः आरटीओ आरक्षक रहे सौरभ शर्मा ने सरेंडर कर दिया है। लोकायुक्त के छापे के बाद से फरार चल रहे आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा ने सोमवार को भोपाल की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सौरभ शर्मा दोपहर 1 बजे वकील राकेश पाराशर के साथ कोर्ट पहुंचा। छापे के समय से सौरभ के दुबई में होने की जानकारी थी।

बता दें कि सौरभ शर्मा ने भोपाल जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था। याचिका खारिज के बाद सौरभ सरेंडर करेगा इसकी संभावनाएं बढ़ गई थी। अब सौरभ ने सरेंडर कर दिया है। सौरभ से अब पूछताछ की जा सकती है।

17 दिसंबर को आरटीओ आरक्षक सौरभ शर्मा के घर पर लोकायुक्त ने रेड मारी थी। सौरभ के घर ऑफिस से करोड रुपए की चांदी सोने के बिस्किट सहित नगदी की जब्ती बनी थी।वकील पाराशर ने बताया कि सौरभ को विशेष न्यायाधीश लोकायुक्त आरपी मिश्रा की अदालत में सरेंडर कराया है। लोकायुक्त की टीम कोर्ट पहुंच गई है।

9 दिन तीन एजेंसियों ने मारे थे छापे
भोपाल में आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के यहां 9 दिन में तीन एजेंसियां ईडी, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने छापे मारे थे। कार्रवाई के दौरान उसके पास 93 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी मिली। इनमें कार में मिला 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश भी शामिल हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 27 दिसंबर को सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल, रोहित तिवारी के ठिकानों पर छापे मारे थे। सौरभ के परिजन और दोस्तों के खातों में 4 करोड़ रुपए का बैंक बैलेंस पाया। इसके अलावा 23 करोड़ की संपत्ति भी जांच के दायरे में ईडी ने ली थी। भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में की गई जांच में 6 करोड़ रुपए की एफडी की जानकारी भी ईडी के हाथ लगी है। फर्मों और कंपनियों के जरिए किए गए निवेश का खुलासा हुआ है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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