Reserve Bank ने खर्च कर दिए 60 हजार करोड़..? बेचना पड़ गया 35 टन सोना, हफ्तेभर में घट गया विदेशी मुद्रा भंडार

नई दिल्‍ली। ग्‍लोबल मार्केट में लगातार जारी उठापटक का असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी दिखा है. रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को आंकड़े जारी कर बताया कि 24 अक्‍टूबर को समाप्‍त सप्‍ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 7 अरब डॉलर की गिरावट आई है. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस दौरान आरबीआई को अपने भंडार से कई क्विंटल सोना भी बेचना पड़ा. अब सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्‍या हुआ जो रिजर्व बैंक को इतना पैसा खर्च करना पड़ा और अपने विदेशी मुद्रा भंडार को घटाना पड़ गया.

आरबीआई ने बताया है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 24 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 6.92 अरब डॉलर (करीब 60 हजार करोड़ रुपये) घटकर 695.35 अरब डॉलर रह गया है. इसके एक सप्ताह पहले देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.49 अरब डॉलर बढ़कर 702.28 अरब डॉलर पहुंच गया था. आरबीआई ने बताया कि उसके विदेशी मुद्रा भंडार में मौजूद विकल्‍पों में लगभग सभी में कुछ न कुछ गिरावट आई है और प्रमुख विदेशी मुद्राओं में 3.86 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई, जो अब 566.54 अरब डॉलर रह गई है.

किन-किन मुद्राओं में आई कमी
डॉलर के संदर्भ में व्यक्त विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों के मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है. इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) भी 5.8 करोड़ डॉलर घटकर 18.66 अरब डॉलर रह गए. समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत का आरक्षित भंडार 60 लाख डॉलर बढ़कर 4.608 अरब डॉलर हो गया है. इसका मतलब है कि रिजर्व बैंक जब भी चाहे आईएमएफ से इन पैसों को उधार ले सकता है.

कितना सोना बेचना पड़ा
आरबीआई ने कहा कि संबंधित सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 3.01 अरब डॉलर घटकर 105.536 अरब डॉलर रह गया. इसका मतलब है कि रिजर्व बैंक को 35 टन सोना बेचना पड़ गया. पिछले सप्‍ताह खबर आई थी कि रिजर्व बैंक के पास करीब 808 टन सोना है, जिसकी कीमत 100 अरब डॉलर के आसपास है. हालांकि, रिजर्व बैंक की ओर से 35 टन सोना बेचने के बावजूद इसकी कीमतें बढ़ने से आज भी विदेशी मुद्रा भंडार में 105 अरब डॉलर से ज्‍यादा की कीमत का सोना है.
क्‍यों बेचनी पड़ गई संपत्ति
रिजर्व बैंक को अपने खजाने से यह सारी संपत्ति इसलिए बाजार में बेचनी पड़ी, क्‍योंकि अंतरराष्‍ट्रीय विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है. भारतीय मुद्रा की इस गिरावट को थामने के लिए ही रिजर्व बैंक को डॉलर सहित सोना भी फॉरेक्‍स बाजार में डालना पड़ा. जब फॉरेक्‍स बाजार में रुपया कमजोर होता है तो आरबीआई विदेशी मुद्राओं को फॉरेक्‍स बाजार में बेचकर अपनी लोकल करेंसी को दोबारा मजबूत बना लेता है. हालांकि, इसकी कीमत विदेशी मुद्रा भंडार पर बड़ा असर भी डालती है.

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

Related Articles