कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल हांधी ने भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को कोई पत्र नहीं लिखा और न ही मुलाकात के लिए कोई समय मांगा। चुनाव आयोग के सूत्रों ने इसका खुलासा किया है।
सूत्रों के हवाले से कहा कि चुनाव आयोग समेत सभी संवैधानिक संस्थाएं आधिकारिक रूप से तभी जवाब देती, जब राहुल गांधी उन्हें पत्र लिखते। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनके सारे दावे बेबुनियाद और हवा हवाई हैं।
राहुल पर उठे सवाल
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी एक तरफ कहते हैं कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे बेहद गंभीर हैं, मगर दूसरी तरफ जब उनके सामने चुनाव आयोग से सीधे बात करने का मौका था, तो उन्होंने ऐसा नहीं किया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का अपमान, चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में पोलिंग से लेकर काउंटिंग सेंटर्स पर अपने एजेंट्स नियुक्त किए थे। राहुल गांधी इस तरह के बयान देकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की भी आलोचना करते हैं, जिन्हें खुद कांग्रेस पार्टी ने ही महाराष्ट्र में नियुक्त किया था।
लाखों अधिकारियों की मेहनत का अपमान
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा, “महाराष्ट्र चुनाव के दौरान देश भर से 10.5 लाख बूथ लेवल अधिकारी, 50 लाख पोलिंग ऑफिसर और 1 लाख काउंटिंग सुपरवाइजर नियुक्त किए गए थे। राहुल गांधी ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर उन सभी की मेहनत और लगन का अपमान किया है।”
सीसीटीवी फुटेज पर दिया जवाब
राहुल गांधी के सीसीटीवी फुटेज की मांग पर चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा, चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार किसी भी चुनाव का सीसीटीवी फुटेज चुनावी याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में ही देखा जा सकता है। मतदाताओं की निजता के अधिकार की सुरक्षा करने के लिए यह नियम बनाया गया है। राहुल गांधी मतदाताओं के अधिकारों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं।
राहुल ने लगाया था ‘मैच फिक्सिंग’ का आरोप
बता दें कि राहुल गांधी ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए महाराष्ट्र समेत सभी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में धांधली का आरोप लगाया था। राहुल गांधी का कहना था कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘मैच फिक्सिंग’ हुई थी।