Pahalgam attack: BJP सांसद की विवादित टिप्पणी, ‘महिलाओं को आतंकियों से लड़ना चाहिए था, हाथ जोड़ने से कौन छोड़ता?’

नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले पर अब हरियाणा से भाजपा के राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में जिनकी मांग का सिंदूर छिना उनमें वीरांगना का भाव नहीं था, जोश नहीं था, दिल नहीं था, इसलिए आतंकियों की गोली का शिकार हो गए। शनिवार को भिवानी के पंचायत भवन में आयोजित अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी स्मृति जिला संगोष्ठी में व उसके बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वहां आतंकी घटना के समय जो महिलाएं थीं उन्हें आतंकियों से लड़ना चाहिए था। लड़ते तो कम शहादत होती और वे भी मारे जाते। हाथ जोड़ने से कौन छोड़ता है?

उन्होंने कहा कि आंतकवादी तो मारने के लिए ही आए थे, कितने हाथ जोड़ लोगे, कुछ होना थोड़े था। अगर उनके साथ टकरा जाते तो कम कैजुअल्टी होती। सांसद ने कहा कि यही तो अग्निवीर योजना प्रधानमंत्री ने चलाई थी। अगर वहां का हर पर्यटक अग्निवीर होता तो मेरी समझ में उन उग्रवादियों को घेर लेते।

यह पूछे जाने पर कि कोई महिला किसा आतंकवादी से कैसे लड़ पाती, उन्होंने कहा- क्यों नहीं। देवी अहिल्याबाई क्या थीं, रानी झांसी क्या थीं…महिला थीं न। उन्होंने कितना टकराव किया। हमें यही तो भाव जगाना है अपनी बहनों के अंदर कि वीरता के भाव से रहें। उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं का सिंदूर छिना अगर उन महिलाओं ने अहिल्याबाई का इतिहास पढ़ा होता तो उनके पति को कोई नहीं छीन सकता था, चाहे वह भी शहीद हो जातीं। महिलाएं देवी अहिल्याबाई की तर्ज पर संघर्ष करतीं तो इस घटना में न केवल आतंकवादी मारे जाते, बल्कि भारतीय नागरिकों के जीवन की क्षति भी कम होती।

रोहतक के खरकड़ा गांव के रहने वाले रामचंद्र जांगड़ा का कार्यकाल 2026 तक है। 2014 में उन्होंने गोहाना से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। वह हरियाणा पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम के चेयरमैन भी रह चुके हैं। गौरतलब है कि इससे पहले मध्यप्रदेश के एक मंत्री की ओर से भी आपरेशन सिंदूर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की जा चुकी है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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