Sansad : सत्र के अंतिम दिन विपक्ष का हंगामा, लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

नई दिल्ली। आज संसद के शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन था। संसद में बहुमत के बल पर बिल पारित कराने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों ने कहा है कि अब वे जनता की लड़ाई सडक़ों पर लड़ेंगे। विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। बिल के विरोध में तृणमूल (ञ्जरूष्ट) सांसद, संसद के मकर द्वार पर रातभर से धरने पर बैठे हैं। इनका कहना है कि ये बिल महात्मा गांधी का अपमान है और किसानों-गरीबों के खिलाफ है।लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद के शीतकालीन सत्र के खत्म होने पर संसद भवन में अपने चैंबर में पार्टियों के नेताओं और लोकसभा सांसदों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने वीबी जीरामजी बिल 2025 पर कहा- संसद का सत्र इतने दिनों से चल रहा है लेकिन आप आखिरी दिनों में कुछ बिल लेकर आते हैं और उसके लिए कम समय रखते हैं। उसे हड़बड़ी में पास करते हैं। ये अपने आप में संदिग्ध बात है। उन्होंने कहा- प्रदूषण पर चर्चा क्यों नहीं हो सकती? चर्चा होनी चाहिए, सबकी बात सुननी चाहिए।


राहुल गांधी ने मनरेगा की जगह लाए गए नए विधेयक विकसित भारत जी राम जी को गांव विरोधी करार दिया और कहा पीएम मोदी के लक्ष्य साफ हैं, ग्रामीण भारत, खासकर पिछड़े वर्ग की ताकत को कमजोर करना, सत्ता का केंद्रीकरण करना और फिर नारों को सुधार के तौर पर बेचना। सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा, बीती रात मोदी सरकार ने 20 साल के मनरेगा को एक दिन में ध्वस्त कर दिया। इसने अधिकार आधारित, मांग आधारित गारंटी को खत्म कर दिया है और इसे एक राशन वाली योजना में बदल दिया है, जिसे दिल्ली से कंट्रोल किया जा सकता है। यह डिजाइन से ही राज्य विरोधी और गांव विरोधी है। उन्होंने कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण मजदूरों को मोलभाव करने की ताकत दी। उन्होंने कहा, असली विकल्पों के साथ, शोषण और मजबूरी में पलायन कम हुआ, मजदूरी बढ़ी, काम करने की स्थिति में सुधार हुआ, और साथ ही ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण और सुधार हुआ। यह सरकार ठीक उसी ताकत को तोडऩा चाहती है। उन्होंने कहा कि काम को सीमित करके और इसे मना करने के और तरीके बनाकर विकसित भारत जी राम जी विधेयक ग्रामीण गरीबों के पास मौजूद एकमात्र हथियार को कमजोर करता है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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