पाकिस्तान ही नहीं, अब तुर्किए भी पानी के संकट से जूझ रहा है

पानी को लेकर पाकिस्तान तो पहले से ही परेशान है. सिंधु जल संधि सस्पेंड होने के बाद से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में जिसने पाकिस्तान का ‘दोस्त’ बनकर हमेशा उसका साथ निभाया, अब वही तुर्किए खुद पानी के संकट से जूझ रहा है. तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल के लोगों को अब एक-एक बूंद के लिए ज्यादा चुकाना पड़ेगा. जून 2025 से इस्तांबुल में पानी महंगा हो रहा है और टैरिफ में 10% की सीधी बढ़ोतरी हो गई है. महंगाई की मार झेल रहे तुर्की में अब पानी भी जेब पर भारी पड़ने वाला है.

इस फैसले का सीधा असर आम परिवारों पर पड़ेगा. नए रेट के हिसाब से पहले स्लैब यानी 15 घन मीटर तक पानी इस्तेमाल करने वालों को अब 42.37 लीरा (करीब $1.09) की बजाय 46.62 लीरा प्रति घन मीटर देना होगा. ये स्लैब करीब 85% इस्तांबुलवासियों पर लागू होता है. वहीं, 16 से 30 घन मीटर के बीच पानी खपत करने वाले अब 64.58 लीरा की जगह 71.04 लीरा और 31 घन मीटर से ऊपर खपत वालों को 93.40 लीरा की जगह 102.75 लीरा प्रति घन मीटर चुकाने होंगे.

कारोबारी इस्तेमाल भी होगा महंगा
सिर्फ घरेलू नहीं, बल्कि वाणिज्यिक (कमर्शियल) पानी इस्तेमाल करने वालों को भी सभी कैटेगरी में करीब 10% की बढ़ोतरी झेलनी पड़ेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती महंगाई और ऑपरेशन कॉस्ट के चलते यह कदम उठाना जरूरी हो गया था. काउंसिल ने एक और अहम फैसला लिया है. इसके तहत अब 2025 में हर महीने पानी और सीवरेज दरों को ऑटोमैटिकली अपडेट किया जाएगा. ये अपडेट तुर्की के आधिकारिक सांख्यिकी संस्थान (TurkStat) द्वारा जारी कंज़्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) और डोमेस्टिक प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (D-PPI) के औसत के आधार पर होगा. नए रेट हर महीने के आंकड़े जारी होने के तीन वर्किंग डेज के भीतर लागू कर दिए जाएंगे.

रिपोर्ट को भी मिली मंजूरी
इस बैठक की अध्यक्षता के डिप्टी स्पीकर गोक्हान गुमुशदाग ने की. एक्टिंग जनरल मैनेजर वाहित डोगान ने 2024 की वार्षिक रिपोर्ट भी पेश की, जिसे 145 के मुकाबले 95 वोटों से बहुमत में पास कर दिया गया. इस्तांबुल के लाखों निवासियों के लिए यह फैसला आने वाले महीनों में उनकी जेब पर असर डाल सकता है, खासतौर पर ऐसे समय में जब तुर्की पहले से ही महंगाई के दौर से गुजर रहा है.

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