सेना से नीरज चोपड़ा का इस्तीफा, आखिर क्या है इसके पीछे की असली वजह?

Neeraj Chopra: जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा पिछले दिनों से लगातार सुर्ख़ियों में बने हुए हैं. उन्होंने एक टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तानी खिलाड़ी अरशद नदीम को भारत बुलाया था, पहलगाम हमले के बाद उनके इस फैसले की आलोचना होने लगी. इस पर खुद नीरज चोपड़ा का बयान आया था, उन्होंने कहा था कि उनके लिए देश से बढ़कर कुछ नहीं है. अब नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है. टोक्यो में स्वर्ण पदक और पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा 9 सालों से भारतीय सेना से जुड़े हुए हैं. भारतीय सेना की राजपुताना राइफल्स का हिस्सा नीरज को करीब 2 साल पहले सूबेदार मेजर कि रैंक पर प्रमोट किया गया था, वह पहले सूबेदार के पद पर थे.

नीरज चोपड़ा को टेरिटोरियल आर्मी में मिली रैंक
2016 से इंडियन आर्मी में शामिल रहे नीरज को हाल ही में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है. दरअसल, नीरज चोपड़ा को टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद (ऑनररी) रैंक से सम्मानित किया गया है. 9 मई को राष्ट्रपति की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में बताया कि उनकी ये रैंक 16 अप्रैल 2025 से ही लागू मानी जाएगी.

नीरज चोपड़ा ने क्यों दिया इस्तीफा?
आपके मन में सवाल होगा कि उन्हें इस्तीफा क्यों देना पड़ा. दरअसल सेना या अन्य सरकारी सेवाओं में एक साथ 2 अलग-अलग पदों पर नहीं रहा जा सकता. उन्हें टेरिटोरियल आर्मी में ऑनररी लेफ्टिनेंट कर्नल का पद लेने से पहले सेना में सूबेदार मेजर के पद से इस्तीफा देना पड़ा. टोक्यो में गोल्ड जीतने के बाद नीरज को सेना द्वारा परम विशिष्ट सेवा मेडल मिला और उन्हें सूबेदार की रैंक पर प्रमोट किया गया. 24 दिसंबर 1997 को जन्मे नीरज चोपड़ा जैवलिन थ्रोअर हैं. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में 87.58 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर इतिहास रचा था. उन्होंने गोल्ड जीता था. वह अभिनव बिंद्रा के बाद विश्व चैंपियनशिप स्तर पर एथलेटिक्स में गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय बने थे. 

Exit mobile version