रायपुर : छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियो की स्मृति को चिर स्थाई बनाने और देश की आजादी में उनके योगदान को नई पीढ़ी तक पहुचाने के उद्देश्य से नया रायपुर में बन रहे शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय तैयार किया जा रहा है। यह संग्राहलय लगभग 50 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। संग्राहलय के निर्माण का अंतिम चरण में है। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने इस संग्रहालय के निर्माण कार्यो की समीक्षा की और इसे 30 सिंतबर तक पूर्ण कराने के निर्देश दिए। बैठक में आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर भी उपस्थित थें।
प्रमुख सचिव बोरा ने राज्य में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के निर्माण कार्यों सहित सभी निर्माण कार्यो को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्हांेने इंजिनियरांे को मौके पर जाकर निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी निर्माण कार्य को वर्षा ऋतु से पूर्ण कराए। जिन एकलव्य विद्यालयों तक अच्छे एप्रोच रोड़ नहीं है उनके संबंध में शीघ्र प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा कि एकलव्य विद्यालय के संचालन में यदि कोई भी समस्या आती है तो उन्हें शीघ्र अवगत कराया जाए ताकि यथाशीघ्र समस्या का निराकरण किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 14 मई को जनजातीय जीनवशैली से संबंधित ट्राईबल म्यूजियम का लोकार्पण किया है। इसे आम जनता के लिए भी खोल दिया गया है, जिसे देखने प्रतिदिन बड़ी संख्यां में लोगों का आगमन हो़ रहा है। बता दें कि ट्राईबल आर्टिफैक्टस का एआई तकनीक के माध्यम से इतने वृहद रूप में प्रदर्शन करने वाला संभवतः प्रदेश का पहला म्यूजियम है। इसके निर्माण से प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिली है। इसी कड़ी में अब आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय के नवंबर माह में लोकार्पण की तैयारी चल रही है।
बैठक में उपसचिव बी.एस.राजपूत, अपर संचालक आर एस भोई, उपायुक्त गायत्री नेताम, मेनका चंद्राकर, डॉ. रेशमा खान, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, रायपुर विजय सिंह कंवर, कार्यपालन अभियंता त्रिदीप चक्रवर्ती एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।