उत्तर प्रदेश के कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस द्वारा ‘मृत’ घोषित एक युवक अचानक थाने पहुंच गया और बोला, “साहब, मैं जिंदा हूं, मेरा पोस्टमॉर्टम रुकवाइए. इस घटना ने पुलिस और परिजनों को हैरत में डाल दिया. अब पुलिस लावारिस शव की दोबारा शिनाख्त करने में जुटी है.
घटना गुरुवार दोपहर घाटमपुर के मुख्य चौराहे की है, जहां सड़क किनारे एक युवक का शव मिला. शव की शिनाख्त न होने पर पुलिस ने स्थानीय वॉट्सएप ग्रुपों में उसकी तस्वीर साझा की. देर शाम ईदुरुख गांव की सुमन नामक महिला ने शव को अपने भाई अजय शंखवार के रूप में पहचाना. सुमन ने बताया कि शव का चेहरा उनके भाई से मिलता-जुलता था और उसने लाल शर्ट व काली पैंट पहनी थी, जो अजय के कपड़ों से मेल खाती थी. इसके आधार पर पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कानपुर भेज दिया.
ये है मामला
शुक्रवार को अजय शंखवार स्वयं घाटमपुर थाने पहुंचा और अपनी जीवित होने की जानकारी दी. अजय ने बताया कि वह भीतरगांव कस्बे में एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता है और उसके पास फोन नहीं है. वह हफ्ते में एक-दो बार दूसरों के फोन से घरवालों से बात करता है. शुक्रवार को जब पुलिस भट्ठे पर उसकी तलाश में पहुंची, तो उसे मामले की गंभीरता का पता चला. पुलिस ने बताया कि उसकी बहन ने लावारिस शव को उसका शव समझ लिया था, जिसके बाद पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया शुरू हो गई थी.
लावारिश शव की शिनाख्त में जुटी पुलिस
अजय के थाने पहुंचने पर पुलिस ने तत्काल पोस्टमार्टम रोक दिया. घाटमपुर के एसीपी कृष्णकांत यादव ने बताया कि शव की शिनाख्त में गलती हुई थी. अब पुलिस दोबारा शव की पहचान कराने का प्रयास कर रही है. अजय के जिंदा होने की खबर सुनकर उसके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई. यह घटना स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है ताकि लावारिस शव की वास्तविक पहचान हो सके.