खरीफ फसलों के MSP में इजाफा, किसानों को बड़ी राहत

दिल्ली: नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों को तोहफा दिया है. बुधवार को कैबिनेट की बैठक में खरीफ फसल की एमएसपी में इजाफे के प्रस्ताव को मंजूरी दी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में पांच महत्वपूर्ण फैसले को मंजूरी दी गई. इनमें किसानों को लेकर तीन अहम फैसले लिए गये. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है.

उन्होंने बताया कि सरकार ने विपणन सत्र 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके. पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि नाइजरसीड (820 रुपये प्रति क्विंटल) के लिए की गई है, इसके बाद रागी (596 रुपये प्रति क्विंटल), कपास (589 रुपये प्रति क्विंटल) और तिल (579 रुपये प्रति क्विंटल) के लिए एमएसपी में वृद्धि की गई है.

खरीफ फसल की एमएसपी में इजाफे को मंजूरी
उन्होंने बताया कि विपणन सत्र 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की बात कही गई है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित मार्जिन बाजरा (63%) के मामले में सबसे अधिक होने का अनुमान है, उसके बाद मक्का (59%), तुअर (59%) और उड़द (53%) का स्थान है। बाकी फसलों के लिए, किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर मार्जिन 50% होने का अनुमान है.

एमआईएसएस को जारी रखने को मंजूरी
मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) के अंतर्गत ब्याज अनुदान (आईएस) घटक को जारी रखने को मंजूरी दी तथा आवश्यक निधि व्यवस्था को मंजूरी दी. बता दें कि एमआईएसएस एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसका उद्देश्य किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से किसानों को किफायती ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना है.

इस योजना के तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से 7% की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण प्राप्त हुए, जिसमें पात्र ऋण देने वाली संस्थाओं को 1.5% ब्याज अनुदान प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, ऋण का समय पर भुगतान करने वाले किसान शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) के रूप में 3% तक के प्रोत्साहन के पात्र हैं, जिससे केसीसी ऋण पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से 4% हो जाती है. बता दें कि देश में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते हैं. इस सहायता को जारी रखना कृषि के लिए संस्थागत ऋण के प्रवाह को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, जो उत्पादकता बढ़ाने और छोटे और सीमांत किसानों के लिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है.

कैबिनेट ने कई हाइवे को दी मंजूरी
कैबिनेट की बैठक में कई हाइवे को मंजूरी दी गई है. अश्विनी वैष्णव ने बताया किआंध्र प्रदेश के कृष्णापट्टनम पोर्ट तक जाने के लिए 4 लेन हाइवे की मंजूरी दी गगई है. इसके साथ ही बाडवेल से नेल्लौर तक नया हाइवे बनेगा. तरलाम से नागदा रेलवे को 4 लाइनिंग करने की मंजूरी दी गई है.41 किलोमीटर के इस लाइन के लिए 1018 करोड़ की मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही मुंबई से दिल्ली कॉरिडोर की कैपेसिटी बढ़ेगी.

रेलवे की दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी
रेल लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज भारतीय रेलवे में दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी, ताकि यात्रियों और माल दोनों का निर्बाध और तेज़ परिवहन सुनिश्चित किया जा सके.रतलाम-नागदा तीसरी और चौथी लाइन औरवर्धा-बल्हारशाह चौथी लाइन को मंजूरी दी गई.

परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 3,399 करोड़ रुपये (लगभग) है और इसे 2029-30 तक पूरा कर लिया जाएगा. ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुई हैं और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश राज्यों के चार जिलों को कवर करने वाली दो परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 176 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी. प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से कनेक्टिविटी लगभग बढ़ जाएगी. 784 गांव, जिनकी जनसंख्या लगभग 19.74 लाख है.

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