MP Vidhansabha: कांग्रेस विधायक ने उठाया परिवार की सुरक्षा का मामला तो सदन में रो पड़े प्रदेश क़े गृह राज्य मंत्री…

भोपाल। विधानसभा में आज कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा के सवाल के जवाब के दौरान गृह राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल उस समय रो पड़े जब यह कहा गया कि विधायक और उसका परिवार सुरक्षित नहीं है। ऐसे मामले में सरकार को फैसला लेना चाहिए। मंत्री पटेल के बेटे के साथ भी पिछले साल इसी तरह की घटना हो चुकी है। उसे याद कर वे रो पड़े और कहा कि उनके बेटे के खिलाफ भी थाने में केस है।
विधायक अभय मिश्रा ने प्रश्नोत्तर काल के दौरान कहा कि सेमरिया विधानसभा से उनका चुनाव लडऩा अपराध हो गया है। थाना चोरहटा में उनके और उनके बेटे विभूति नारायण मिश्रा के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। अपने परिवार के सदस्यों के पर दर्ज हुए प्रकरण को लेकर उन्होंने कहा-प्रभारी उपनिरीक्षक और फिर बाद में निरीक्षक अवनीश पांडेय द्वारा केस दर्ज करने के बाद खात्मा लगा दिया गया। इसके जवाब में मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि परिवार से जुड़ा मसला हो तो केस के निराकरण के लिए दूसरे रास्ते हो सकते हैं। मंत्री ने कहा कि अभय मिश्रा के मामले में दोनों ही अधिकारी एक नहीं थे। रिपोर्ट करने वाले हीरामणि पटेल थे, जांच करने वाले राजेश तिवारी थे। मंत्री ने कहा-यह सच है कि थाना प्रभारी एक है। मंत्री ने कहा कि वह सहमत हैं कि भोपाल से अधिकारी भेजकर उच्च स्तरीय जांच करा ली जाए। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे।
इसके बाद नेता प्रतिरोध प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि विधायक नारायण सिंह पट्टा के साथ भी ऐसे ही घटना हो चुकी है। जो अच्छा करे उसे सजा नहीं मिलनी चाहिए, लेकिन जो गलत करे उसे सजा मिलनी चाहिए। इस दौरान विधायक भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि पुलिस का काम विवादों में हो रहा है। कहीं पुलिस पिट रही है, कहीं दूसरा काम कर रही है। इस पर मंत्री पटेल ने कहा कि फरियादी ने झूठी रिपोर्ट लिखाई थी। झूठी रिपोर्ट करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने घोषणा की की थाना प्रभारी को निलंबित करेंगे और जांच कराएंगे।
मुरैना में रेत माफिया नहीं, पेट माफिया: कंसाना
इससे पहले मुरैना जिले में रेत माफिया द्वारा वन विभाग की टीम पर हमला करने के मामले में कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने कहा कि वहां रेत माफिया नहीं, पेट माफिया है। पेट भरने के लिए लोग अपना काम कर रहे हैं। वहां कोई रेत माफिया नहीं है।
आउटसोर्स कर्मचारियों को क्यों नहीं मिलती सुविधा
विधायक जितेंद्र सिंह राठौड़ ने संविदा कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह सुविधा देने का मामला उठाते हुए कहा कि पूरा काम लिए जाने के बाद भी शासकीय कर्मचारियों के समान वेतन भत्ते और अन्य सुविधाएं नहीं दी जाती हैं। इस तरह का अन्याय हो रहा है इस मामले में सरकार क्या करने जा रही है। इसके जवाब में मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के दृष्टि से राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिए जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा-संविदा कर्मचारियों को राज्य शासन के नियमित पदों के विरुद्ध प्रदर्शित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ देने और उपादान (सामग्री) के लिए वित्त विभाग द्वारा नियम बनाए जा रहे हैं। इसमें तीन से चार महीने का समय लगेगा।
शिकायतों के निपटारे के लिए कमेटी बनाई जाए
प्रश्नोत्तर काल शुरू होने पर कांग्रेस विधायक विजय रेव नाथ चौरे ने सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों की जानकारी मांगी। उन्होंने कहा-इस मामले में कई विसंगतियां भी हैं, जिसका निराकरण करने के लिए एक कमेटी बनाए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनने वाली कमेटी में जो शिकायतें गड़बड़ पाई जाएंगी उनका निराकरण हो सकेगा। इसके जवाब में राज्य मंत्री राधा सिंह ने कहा कि वर्तमान में सीएम हेल्पलाइन में कुल 564440 शिकायतें हैं। इसमें राजस्व विभाग की 96727 शिकायतें हैं। मंत्री के मुताबिक-लोक सेवा प्रबंधन विभाग के पत्र के अनुसार जिस विभाग से संबंधित शिकायत होती है, उस विभाग को निराकरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वर्तमान में सीएम हेल्पलाइन पर 98 प्रतिशत शिकायतें निराकृत हैं।