MP: श्रमोदय स्कूल घोटाला: 7 करोड़ की हेराफेरी, EOW में शिकायत दर्ज

भोपाल। मध्यप्रदेश के मशहूर श्रमोदय स्कूल में करीब 7 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. शिकायतकर्ता कंपनी ने आरोप लगाया कि स्कूल के कुछ अधिकारी और कर्मचारियों ने मिलकर फर्जी बिल और दस्तावेजों के माध्यम से यह रकम हड़प ली. मामला अब EOW तक पहुंचा है. स्कूल प्रशासन मौन है और मीडिया को प्रवेश नहीं दे रहा; और ना ही सफाई पेश कर रहा है. कांग्रेस और भाजपा दोनों राजनीतिक बयानबाजी में जुटी हैं. अब जांच तय करेगी कि यह केवल वित्तीय गड़बड़ी है या सुनियोजित घोटाले का हिस्सा था. इसको लेकर सबकी निगाहें EOW की कार्रवाई पर हैं.
शिकायतकर्ता कनक फूड मैनेजमेंट सर्विस ने आरोप लगाया कि स्कूल के अधिकारियों और कर्मचारियों ने फर्जी दस्तावेज़ और बिल के जरिए स्कूल के मेस संचालन के लिए जारी राशि का गबन किया. कंपनी ने बताया कि बकाया भुगतान के लिए पत्र लिखने पर स्कूल ने “भुगतान किया जा चुका है” का जवाब भेजा. इसके बाद शिकायत EOW और मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड तक पहुंच गई. भ्रष्टाचार के इस मामले ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है.
कांग्रेस ने बोला हमला, भाजपा प्रवक्ता ने किया पलटवार
शिकायतकर्ता सौरभ गुप्ता ने कहा, “यह गंभीर मामला है. करोड़ों रुपये की सार्वजनिक राशि का दुरुपयोग हुआ है. दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए.” स्कूल प्रशासन ने मीडिया से संपर्क को प्रतिबंधित कर रखा है. कांग्रेस नेता रवि परमार ने कहा कि वर्तमान सरकार में अधिकारी और कर्मचारी जनता के पैसे से खेल रहे हैं. वहीं भाजपा प्रवक्ता अजय धवले ने पलटवार करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी और घोटाले में शामिल कोई बख्शा नहीं जाएगा. EOW की जांच अब इस बात का पता लगाएगी कि यह केवल वित्तीय गड़बड़ी है या सुनियोजित घोटाले का हिस्सा. इसमें स्कूल प्रबंधन की मिलीभगत और विभागीय निगरानी के अंतराल पर भी सवाल उठेंगे. घोटाले की खबर आने के बाद पूरे मामले पर निगाहें बनी हुई हैं.
क्या है एमपी श्रमोदय विद्यालय
एमपी श्रमोदय विद्यालय मध्य प्रदेश में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने वाले आवासीय विद्यालय हैं. ये विद्यालय भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में स्थित हैं. इन विद्यालयों में छात्रों को शिक्षा, भोजन, आवास, वर्दी और पठन-सामग्री जैसी आवश्यक सुविधाएं पूरी तरह से निःशुल्क मिलती हैं. प्रवेश पाने के लिए, छात्रों को एक चयन परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है, और आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की जाती है. यह पहल श्रमिक परिवारों के बच्चों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करती है.





