MP: 70वें स्थापना दिवस पर ई-सेवा पोर्टल का शुभारम्भ, सीएम यादव ने विजन डॉक्यूमेंट 2047 का विमोचन किया

भोपाल। मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस पर राजधानी के लाल परेड ग्राउंड पर शुरुआत हुई। सीएम यादव ने यहां अभ्युदय मध्यप्रदेश प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया।इसके बाद रविंद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में सीएम यादव ने विजन डॉक्यूमेंट 2047 का विमोचन कर ई- सेवा नागरिक एप की शुरुआत की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान पीएम श्री पर्यटन सेवा योजना के तहत तीन एमओयू साइन भी किए गए हैं।
1 से 3 नवंबर तक आयोजित होने वाला राज्योत्सव ‘‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’’ इस बार पूरी तरह नए कलेवर में नजर आएगा। 3 दिनों तक भोपाल का आसमान, धरती और मंच सब कुछ रंग, रोशनी और संगीत से सराबोर रहेगा।
वहीं मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस के मौके पर शनिवार को पर्यटन हेलिकॉप्टर सेवा शुरुआत होगी। रात को लोकप्रिय गायक जुबिन नौटियाल अपने सुपरहिट गीत ‘रातां लम्बियां’, ‘हमनवां मेरे’, ‘तारों के शहर’ जैसे गानों से समा बांधेंगे।
सीएम ने देखी अभ्युदय मध्यप्रदेश प्रदर्शनी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार सुबह लाल परेड ग्राउंड पहुंचकर प्रदेश के वैभवशाली अतीत, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उज्जवल भविष्य को चित्रों व छाया चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करती प्रदर्शनी अभ्युदय मध्य प्रदेश का शुभारंभ कर अवलोकन किया।
प्रदर्शनियों में विकसित मध्य प्रदेश 2047, मध्य प्रदेश के गौरव विक्रमादित्य और मध्य प्रदेश, विक्रमादित्य की मुद्राएं और सिक्के, मध्य प्रदेश की बावड़ियां, प्रदेश की पारंपरिक कला, प्रदेश में विरासत से विकास, प्रदेश के मंदिर -देवलोक है शामिल।इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव का लाल परेड ग्राउंड पर प्रदेश के पारंपरिक नृत्य करते युवक युवतियों ने स्वागत किया।
विजन डॉक्यूमेंट 2047 का विमोचन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर रविंद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में “अभ्युदय मध्य प्रदेश” के अंतर्गत विकसित मध्य प्रदेश 2047 दृष्टि पत्र का अनावरण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने एमपी ई सेवा पोर्टल को लॉन्च किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि, विजन डॉक्यूमेंट बनाने में चार लाख से अधिक लोगों की सहभागिता रही है। साल 2025 उद्योग और रोजगार वर्ष के रूप में घोषित है। साढ़े 8 लाख करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। करीब 94 हजार उद्योगों ने वास्तविक उत्पादन चालू किया है। जिसमें 8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। नए निवेश सुखद परिणाम लाएंगे।
ई- सेवा नागरिक एप की शुरुआत
ई-सेवा नागरिक एप शुरू होने की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि देश में यह पहली सेवा है। प्रदेश सरकार की 1700 से अधिक सेवाएं इस पोर्टल के माध्यम से मिल सकेंगी। शुरुआत में 500 सेवाएं शुरू की जा रही है। नागरिकों के लिए यह सुविधा देने यह एप शुरू किया जा रहा है। तीन माह में सभी सेवाएं इसमें अप्लाई करने के बाद ऑनलाइन मिल सकेंगी। मुख्य सचिव जैन ने कहा कि अगले सालों में आठ नए एयरपोर्ट बनाने का काम भी एमपी में किया जाएगा।
विजन डॉक्यूमेंट 2047 में ये शामिल
विजय डॉक्यूमेंट में साल 2047 तक “सुखद, सम्पन्न और सांस्कृतिक” मध्य प्रदेश का निर्माण, विकसित भारत @2047 के अनुरूप लक्ष्य रखा गया है। सस्टेनेबल इंडस्ट्रियल ग्रोथ के तहत औद्योगिक GVA ₹2.9 लाख करोड़ से ₹60 लाख करोड़ तक, 1 करोड़ रोजगार देने की बात कही गई है।
केंद्रीय मंत्री बोले- मध्यप्रदेश का अपनापन
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने कहा कि एविएशन क्षेत्र में अच्छे कार्यों को प्रदर्शित करने का एक और अवसर हमें मध्यप्रदेश के माध्यम से मिला है। मध्यप्रदेश से मेरा विशेष जुड़ाव रहा है। मैं यहां अब तक चार बार आ चुका हूं। एक बार इंदौर एयरपोर्ट के कार्यों के लिए, एक बार उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर के दर्शन, एक बार भोपाल में इन्वेस्टमेंट समिट में भाग लेने और एक बार दतिया एयरपोर्ट के उद्घाटन के अवसर पर।
मेरा अनुभव यह रहा है कि मध्यप्रदेश में हर यात्रा, हर स्थान और हर व्यक्ति ने इस प्रदेश की खूबी और आत्मीयता को प्रदर्शित किया है। महाकाल की नगरी उज्जैन से लेकर भोपाल के जिलों तक, इंदौर की स्वच्छता से लेकर ग्वालियर की संगीत परंपरा तक, मां नर्मदा की निर्मल धारा से लेकर चंबल की घाटियों तक, और भीमबेटका की प्राचीन गुफाओं से लेकर खजुराहो की अद्भुत कला तक मध्यप्रदेश वास्तव में भारत की संस्कृति और समृद्धि का धड़कता हुआ हृदय है।
भौगोलिक रूप से ही नहीं, बल्कि परंपरा, प्रसिद्धि और पहचान हर दृष्टि से मध्यप्रदेश भारत के केंद्र में स्थित है। मैं मानता हूं कि विकसित भारत के इस विकसित प्रदेश की असली पहचान यहां के लोग हैं। यहां की जनता, यहां की संस्कृति और यहां का अपनापन है।
इस धरती ने देश को मां अहिल्याबाई होलकर जैसी मातृशक्ति, अटल बिहारी वाजपेयी जैसे जननायक और रानी लक्ष्मीबाई व रानी दुर्गावती जैसी वीरांगनाओं की प्रेरणा दी है।





