MP: CM यादव की घोषणा-राज्य में बनेगा पुलिस भर्ती बोर्ड:3 साल में भरे जाएंगे 21 हजार से ज्यादा पद

भोपाल। मध्यप्रदेश में पुलिस आरक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर तक की भर्ती के लिए पुलिस भर्ती बोर्ड बनेगा। पुलिस भर्ती बोर्ड के माध्यम से ही एमपी में पुलिस के रिक्त पदों की भर्ती की जाएगी। वे सीएम हाउस में पदक विजेता पुलिस अफसरों, कर्मचारियों और उनके परिवारजन के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
सीएम यादव ने कहा कि अगले तीन साल में प्रदेश में 21 हजार से अधिक रिक्त पदों को भरा जाएगा। इस साल साढ़े 7 हजार पदों पर भर्ती होगी और इसके बाद अगले दो साल भी इतने-इतने ही पदों पर भर्ती की जाएगी।
सीएम ने कहा कि आज साढ़े 7 हजार पदों पर भर्ती किए जाने को मंजूरी दी गई है, लेकिन इसके बाद भी 20 हजार पद खाली रहेंगे। अगर भर्ती का काम अभी शुरू भी कर दें, तो अगले तीन साल में दो हजार पद फिर रिक्त हो जाएंगे। इसलिए तीन साल में सभी रिक्त पद भरे जाएंगे।
पुलिस भर्ती बोर्ड का गठन जल्द करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में रिक्त पद पुलिस भर्ती बोर्ड से भरे जाएंगे। इससे कर्मचारी चयन मंडल के कारण पुलिस मुख्यालय को भर्ती करने में आने वाली दिक्कत भी खत्म हो जाएगी। उन्होंने पुलिस मुख्यालय को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द पुलिस भर्ती बोर्ड का गठन करें।
पुलिस भर्ती बोर्ड बनने से गड़बड़ी नहीं होगी
सीएम ने कहा- पुलिस भर्ती बोर्ड बनने से पुलिस की पूरी नजर रहेगी और सभी मापदंडों का पालन करते हुए भर्ती की जा सकेगी। इससे भर्ती में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होगी।
सीएम ने कहा कि राज्य पुलिस, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा के अधिकारियों-कर्मचारियों के विधवा और बच्चों के लिए स्नातक स्तर की सीट में आरक्षण चाहा गया है। जिसे देने के लिए वे ऐलान करते हैं। 60 सीटें होंगी तो एक सीट इनके लिए आरक्षित की जाएगी। सीएम ने अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया से कहा कि इसे सुन लेना और व्यवस्था बनाना आपका काम है।
65 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को मिला पदक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार सुबह स्वतंत्रता दिवस समारोह में पिछले साल 14 अगस्त को और इस साल 25 जनवरी को पदक विजेता घोषित किए गए 65 अधिकारियों को पहले पदक से सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुलिस अफसरों के सीने में जब मेडल लगता है तो हमारी भी छाती चौड़ी होती है।
उन्होंने कहा कि वे पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सरकारी विभागों के दायित्वों के पालन करने में दूसरे विभागों से अधिक नम्बर देते हैं। लोगों की जान बचाने का काम पुलिस कर्मचारी करते हैं। यह आसान काम नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सिविल सेवा का भी काम कमजोर नहीं है





