भोपाल। मध्यप्रदेश में एसआईआर सर्वे (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है। बीएलओ बनने पर उनका वर्कलोड बढ़ गया है। वहीं, काम में लापरवाही सामने आने पर शिक्षकों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है।
झाबुआ में एक बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की निलंबन के अगले ही दिन मौत हो गई। मंगलवार को झाबुआ जिला निर्वाचन अधिकारी ने बीएलओ (SIR) कार्य में लापरवाही के आरोप में निलंबित किया था। परिवार का कहना है कि निलंबन आदेश मिलने के बाद वे तनाव में थे।
इससे पहले 11 नवंबर को दतिया में एक टीचर ने स्कूल परिसर में वॉशरूम में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। जांच में सामने आया कि शिक्षक एसआईआर के तनाव में थे। उन्हें मोबाइल चलाना नहीं आता था। उन्हें बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था, जिससे वे परेशान चल रहे थे।
इधर, सागर जिले में वोटर लिस्ट सर्वे के कार्य में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर संदीप जीआर और जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले में अब तक 9 बीएलओ को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा एसआईआर सर्वे में काम धीमा होने और प्रगति शून्य पाए जाने पर 3 एसडीएम और 15 तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
झाबुआ : चक्कर खाकर गिरे बीएलओ, फिर उठे नहीं
जिले के उदयगढ़ जनपद पंचायत के ग्राम सोलिया में शिक्षक भुवान सिंह चौहान बीएलओ के रूप में कार्यरत थे। उन्हें मंगलवार को झाबुआ जिला निर्वाचन अधिकारी ने बीएलओ (SIR) कार्य में लापरवाही के आरोप में निलंबित किया था। परिजन ने बताया, भुवान सिंह काफी तनाव में थे। उन्होंने रात में खाना भी नहीं खाया था और सो भी नहीं पाए। बुधवार को अचानक चक्कर आए और वे गिर पड़े। तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोरी ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया।
झाबुआ विधानसभा में लगी थी बीएलओ की ड्यूटी
भुवान सिंह चौहान सोलिया में बाबा देव फलिया प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। इसके अतिरिक्त, वे बीएलओ की जिम्मेदारी भी निभा रहे थे। उनकी ड्यूटी झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में लगी थी।
निलंबन आदेश में भुवान सिंह पर आरोप था कि उनके कार्य की प्रगति धीमी है। सत्यापन रिपोर्ट समय पर नहीं भेजी गई थी और निर्वाचन निर्देशों के पालन में देरी हुई थी। उदयगढ़ जनपद पंचायत की 40 ग्राम पंचायतों में से 17 झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में आती हैं, जिनमें सोलिया ग्राम पंचायत भी शामिल है।
शिक्षकों के लिए बीएलओ का कार्य चुनौतीपूर्ण हुआ
साथी बीएलओ ने घटना को लेकर कहा, एसआईआर सर्वेक्षण, मतदाता सूची अपडेट, घर-घर सत्यापन, ऑनलाइन प्रविष्टियां और लगातार बदलते निर्देशों के कारण शिक्षक बीएलओ का कार्य अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस अतिरिक्त जिम्मेदारी के लिए न तो कोई सहायक मिलता है और न ही कोई विशेष राहत।
