MP BJP: जल्द शुरू होगी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया
दावेदारों में नरोत्तम, भदौरिया, ब्रजेंद्र के अलावा भोपाल सांसद आलोक शर्मा का नाम भी शामिल
भोपाल। मध्यप्रदेश बीजेपी के जिला अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। करीब आठ-दस जिलों में स्थानीय नेताओं के बीच चल रही रस्साकशी रोकने के लिए बैठकों और चर्चाओं का दौर चल रहा है। बीजेपी की पहली सूची में 50 प्रतिशत से ज्यादा जिलों के अध्यक्ष घोषित हो जाएंगे। इसके फौरन बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अध्यक्ष पद को लेकर चर्चाओं में एक दर्जन से अधिक नाम हैं, लेकिन इसमें एक नया नाम भोपाल सांसद आलोक शर्मा का भी शामिल हो गया है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा तीसरा कार्यकाल पाने के लिए प्रयासरत हैं। वहीं, जातिगत समीकरणों में ब्राह्मण वर्ग से नरोत्तम मिश्रा, राजेंद्र शुक्ल और अर्चना चिटनीस पूरी ताकत लगा रहे हैं। इस वर्ग से भोपाल के सांसद आलोक शर्मा का नाम भी तेजी से चर्चाओं में आया है। क्षत्रिय वर्ग की बात करें तो अरविंद भदौरिया के साथ बृजेंद्र प्रताप सिंह और सीमा सिंह जादौन सबको साधने में लगे हैं। वैश्य वर्ग से हेमंत खंडेलवाल, सिंधी समाज से भगवानदास सबनानी से लेकर दलित और आदिवासी वर्ग के नेता भी प्रदेशाध्यक्ष बनना चाहते हैं।
नरोत्तम मिश्रा का नाम पहले नंबर पर
भाजपा के अंदरखाने की खबर है कि
अगर ब्राह्मण की सीट ब्राह्मण से रिप्लेस की जाती है तो पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का नाम पहले नंबर पर है। नरोत्तम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के करीबी हैं और संगठन के साथ ब्राह्मण वर्ग में अच्छी पैठ रखते हैं। लेकिन हाल ही में छापों से चर्चा में आए सौरभ शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति की नोटशीट लिखने के चलते मिश्रा को नुकसान हो सकता है। दूसरा नाम डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला का है। राजेंद्र शुक्ला विंध्य इलाके से आते हैं और रीवा से पांचवी बार के विधायक हैं। विंध्य से लेकर बुंदेलखंड तक उनका सीधा जुड़ाव है। ब्राह्मण वर्ग के दावेदारों में तीसरा नाम वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस का है। ब्राह्मण वर्ग के साथ महिला कोटे को प्रधानता मिली तो अर्चना की लॉटरी लग सकती है।
इस सूची में नया नाम भोपाल के सांसद आलोक शर्मा का नाम भी जुड गया है। कहा जा रहा है कि आलोक विवादित नहीं हैं। वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के करीबी रहे हैं, लेकिन लोकसभा टिकट के दौरान अमित शाह की सूची में उनका नाम शामिल हो गया था।
2006 से लेकर अब तक के भाजपा प्रदेश अध्यक्षों को देखें तो सत्यनारायण जटिया के बाद ब्राह्मण और ठाकुर दोनों ही वर्गों से प्रदेश अध्यक्ष बनते आए हैं। ऐसे में संभावना ये है कि वीडी शर्मा के बाद क्षत्रिय वर्ग से अगला अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसमें पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया का नाम शुमार है। भदौरिया बीजेपी के संगठन मंत्री रह चुके हैं। संघ और बीजेपी के नेताओं के सहारे प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने के लिए प्रयासरत हैं। लेकिन हाल ही में भिंड जिले में एक जमीन विवाद में एक व्यक्ति की हत्या का मामला अरविंद भदौरिया से जोड़ा जा रहा है और इसकी शिकायत दिल्ली तक पहुंच गई है।
दूसरा नाम पन्ना से विधायक और पूर्व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह का है। बृजेंद्र का नाम विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और वीडी शर्मा की तरफ से आगे बढ़ाया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों में बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम भी चर्चा में हैं। खंडेलवाल वैश्य वर्ग से आते हैं। उनके पिता और वे सांसद भी रह चुके हैं। बीजेपी की राजनीति के केंद्र में रहे सिंधी समाज से आने वाले भोपाल दक्षिण-पश्चिम सीट से विधायक भगवानदास सबनानी का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों में शामिल है। सबनानी वर्तमान में बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भी हैं। भोपाल की हुजूर सीट से बीजेपी के विधायक रामेश्वर शर्मा भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल हैं।
मप्र में यदि प्रदेश अध्यक्ष के लिए आदिवासी वर्ग को प्राथमिकता दी गई तो मंडला सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को कमान मिल सकती है। कुलस्ते इस बार केंद्र सरकार में मंत्री नहीं बनाए गए हैं। आदिवासी वर्ग के दूसरे नेताओं में राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी और शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह भी इस रेस में हैं। हिमाद्री सभी दावेदारों में सबसे कम उम्र की नेता हैं।
ऐसे होगा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव
बीजेपी के जिलाध्यक्षों की पहली सूची में 50 प्रतिशत से ज्यादा जिलों के अध्यक्ष घोषित हो जाएंगे। पहली सूची जारी होने के तुरंत बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को प्रदेश का बीजेपी चुनाव अधिकारी बनाया है। धर्मेंद्र प्रधान मध्यप्रदेश के 50 प्रतिशत जिलाध्यक्षों की घोषणा होने के बाद भोपाल आएंगे इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का कार्यक्रम जारी होगा।
दो-दो विधानसभाओं का एक क्लस्टर
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रदेश परिषद के सदस्यों की राय ली जाएगी। इसके लिए प्रदेश परिषद के सदस्यों का चयन किया जाएगा। इसमें सभी विधानसभाओं से एक-एक प्रदेश परिषद सदस्य प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में हिस्सा लेगा। हर जिले में दो-दो विधानसभाओं का एक कलस्टर बनाया जाएगा।
बीजेपी के विधायकों और सांसदों में से 10-10 प्रतिशत विधायक और सांसदों को प्रदेश परिषद का सदस्य बनाया जाएगा। यानी बीजेपी के 165 विधायकों में से 16 विधायक और 29 लोकसभा सांसदों में से 3 सांसद प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचक मंडल में शामिल होंगे।