MP : 13-14 साल तक की वरिष्ठता वाले कई आईएएस अधिकारियों को आज तक नसीब नहीं हुई कलेक्टरी

भोपाल। मध्य प्रदेश के प्रशासकीय क्षेत्र में इसे विसंगति ही कहा जाएगा कि जिन आईएएस अधिकारियों की वरिष्ठता 13-14 साल हो गई है, उन्हें आज तक कलेक्टरी नसीब नहीं हो पाई है। इनमें से तीन 2011 बैच की महिला आईएएस अधिकारी हैं। इन्हें 14 साल बाद भी अभी तक एक भी जिले का कलेक्टर नहीं बनाया गया है। ये महिला अधिकारी हैं- प्रीति जैन, सरिता बाला ओम प्रजापति और उषा परमार। इसके अलावा 2010 बैच के चंद्रशेखर वालींबे अगले 4-5 माह में सुपर टाइम स्कैल में आ जाएंगे, लेकिन इसे उनका दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि उन्हें पूरे आईएएस के जीवनकाल में एक भी जिले की कलेक्टरी करने का अवसर नहीं मिला है। यह अपने आप में एक बिरला उदाहरण है।

2011 बैच के अन्य अधिकारी जो कभी कलेक्टर नहीं बन पाए उनमें हरि सिंह मीणा, गिरीश शर्मा और वीरेंद्र कुमार शामिल हैं। इसी प्रकार 2012 बैच के संतोष कुमार वर्मा, दिनेश कुमार मौर्य, राजेश कुमार ओगारे और भारती जाटव ओगारे को सरकार ने कभी कलेक्टर बनाना उचित नहीं समझा। ये सभी प्रमोटी आईएएस अधिकारी हैं, लेकिन इन्हीं आईएएस बैच के एक दो ऐसे भी प्रमोटी अधिकारी हैं, जो इस दौरान तीन से चार जिलों के कलेक्टर रह चुके हैं।

दिल्ली में आवासीय आयुक्त, भोपाल में भी दो बड़े विभागों की जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश सरकार में मध्य प्रदेश से जुड़े शासकीय कार्यों के संपर्क और समन्वय के लिए दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन में आवासीय आयुक्त का पद है। इस पद पर वर्तमान में 1994 बैच की आईएएस अधिकारी रश्मि अरुण शमी को मध्य प्रदेश शासन के दो महत्वपूर्ण दायित्व और दिल्ली के ही एक अन्य दायित्व के साथ-साथ इस पद का अतिरिक्त दायित्व दिल्ली में सौंप रखा है। राज्य शासन द्वारा 12 मार्च को जारी आदेश के अनुसार रश्मि मध्य प्रदेश शासन में महिला और बाल विकास और खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण जैसे बड़े और महत्वपूर्ण विभाग की अपर मुख्य सचिव के साथ ही दिल्ली में विशेष आयुक्त समन्वय और आवासीय आयुक्त मध्यप्रदेश भवन के अतिरिक्त प्रभार में हैं। यहां यह बताना उचित होगा कि दिल्ली के इन दोनों पदों पर भी हमेशा अलग-अलग अधिकारी ही रहे हैं। प्रशासकीय गलियारों में इस बात को लेकर बड़ी चर्चा है कि भोपाल के दो बड़े विभागों का दायित्व होने से वे दिल्ली के दो दायित्वों का काम कैसे देख पाती होंगी। बता दें, कि इसके पहले आवासीय आयुक्त पद पर एक ही वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नियुक्त किए जाते रहे हैं।

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