Medha Patkar : अवमानना मामले में मेधा पाटकर की गिरफ्तारी, फिर रिहा भी, कोर्ट ने एक लाख का जुर्माना लगाया

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार सुबह नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, कोर्ट ने मेधा पाटकर को प्रोबेशन बॉन्ड पेश करने और मुआवजा राशि जमा करने की शर्त पर दोपहर में रिहा कर दिया।
मेधा पाटकर की गिरफ्तारी दिल्ली के निजामुद्दीन से की गई थी। मेधा के खिलाफ कोर्ट ने गैरजमानती वारंट (NBW) जारी किया था। यह कार्रवाई दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की दायर मानहानि याचिका में की गई है।
साकेत कोर्ट ने 23 अप्रैल को मेधा पाटकर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। अदालत ने पाटकर को प्रोबेशन बॉन्ड और एक लाख रुपए का जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया था। सुनवाई में पाटकर न तो खुद उपस्थित हुईं और न ही उन्होंने जुर्माना राशि जमा की।यह मामला साल 2000 का है। पाटकर ने सक्सेना पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कथित तौर पर सक्सेना को ‘कायर’ कहा था और आरोप लगाया था कि वह हवाला लेनदेन में शामिल हैं।
दिल्ली के मौजूदा उपराज्यपाल उस समय गुजरात में एक एनजीओ का नेतृत्व कर रहे थे। सक्सेना के एनजीओ ने गुजरात सरकार की सरदार सरोवर परियोजना का खुलकर समर्थन किया था, जबकि एनबीए इसके खिलाफ आंदोलन चला रहा था।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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