नरभक्षी राजा कोलंदर और साले बच्छराज को उम्रकैद, कोर्ट ने सुनाया फैसला

त्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोर्ट ने सीरियल किलर, नरभक्षी और खोपड़ी खोपड़ी इकट्ठा करने वाले राजा कोलंदर और उसके साले बच्छराज कोल को उम्रकैद की सजा सुनाई है. राजा कोलंदर और बच्छराज कोल को साल 2000 में हुए एक डबल मर्डर के मामले में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी है. लखनऊ एडीजे कोर्ट नंबर-5 के जज रोहित सिंह ने शुक्रवार को दोनों आरोपियों को सजा सुनाई. कोर्ट ने दोनों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

राजा कोलंदर और बच्छराज कोल ने साल 2000 में 22 वर्षीय मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की अपहरण और हत्या कर दी थी. इसी मामले में दोनों को उम्रकैद दी गई है. बता दें कि मनोज कुमार सिंह और उनका ड्राइवर रवि श्रीवास्तव 24 जनवरी 2000 को लखनऊ से रीवा के लिए निकले थे. उनकी आखिरी लोकेशन रायबरेली के हरचंदपुर में चाय की दुकान थी. इसके बाद वो लापता हो गए. बाद में उनके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई.

साल 2013 में शुरू हुई मामले की सुनवाई
पुलिस ने दोनों की तलाश शुरू की. दोनों के क्षत-विक्षत शव प्रयागराज के शंकरगढ़ के जंगलों में मिले. राजा कोलंदर और उसके साले के खिलाफ 25 साल पहले वर्ष 2000 में डबल मर्डर का केस दर्ज किया गया था. पुलिस ने इस डबल मर्डर केस में 21 मार्च साल 2001 को चार्जशीट दाखिल की, लेकिन मामले की सुनवाई में कानूनी पेचिदगियां आड़े आईं और इस मामले की सुनवाई साल 2013 में शुरू हुई.

राजा के फार्महाउस से मिली 14 इंसानी खोपड़ियां
गौरतलब है कि इससे पहले भी राजा कोलंदर और उसका साला एक और हत्या के मामले में साल 2012 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से उम्रकैद की सजा पा चुके हैं. दोनों को इलाहाबाद हाईकोर्ट पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा दे चुका है. इस मामले में राजा के फार्महाउस से 14 इंसानी खोपड़ियां मिली थी. इसके बाद ही राजा कोलंदर के नरभक्षी होने और खोपड़ी इकट्ठा करने की बात पता चली थी. आरोप है कि वह सिर काटकर ले जाकर वह इंसान के भेजे का सूप बनाता और पीता था.

Exit mobile version