पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF भारत में सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित निवेश योजनाओं में से एक है। अगर आप लंबे समय तक पैसा जोड़ना चाहते हैं और रिटायरमेंट के लिए एक मोटा फंड बनाना चाहते हैं, तो PPF आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है। खासकर इसका 15+5+5 फॉर्मूला, जिसकी मदद से आप 25 साल में 80 लाख रुपये का फंड और हर महीने 48,000 रुपये महीने तक की पेंशन पा सकते हैं।
PPF क्या है?
पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक ऐसी सरकारी योजना है, जिसमें आप अपने पैसे को लंबे समय तक निवेश करके अच्छा रिटर्न पा सकते हैं। यह योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित है और पोस्ट ऑफिस या कुछ चुनिंदा बैंकों के जरिए इसमें निवेश किया जा सकता है। PPF का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पूरी तरह सुरक्षित है। इसमें जोखिम बिल्कुल नहीं है, क्योंकि यह सरकार द्वारा बैक किया जाता है। साथ ही, इसमें मिलने वाला ब्याज और मेच्योरिटी पर मिलने वाली राशि टैक्स-फ्री होती है। इसका मतलब है कि आप जो कमाते हैं, उस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।
PPF में आप हर साल कम से कम 500 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। यह राशि आपकी जेब के हिसाब से लचीली है, यानी छोटे निवेशक भी इसमें हिस्सा ले सकते हैं। इसकी ब्याज दर सरकार हर तिमाही तय करती है, और अभी यह 7.1% सालाना है। यह ब्याज हर साल कंपाउंड होता है, यानी आपके पैसे पर ब्याज मिलता है और फिर उस ब्याज पर भी ब्याज जुड़ता जाता है। यही कंपाउंडिंग की ताकत PPF को इतना खास बनाती है।
15+5+5 फॉर्मूला क्या है?
PPF का 15+5+5 फॉर्मूला समझने में बहुत आसान है। यह एक तरह का निवेश प्लान है, जिसमें आप 25 साल तक अपने पैसे को बढ़ने देते हैं। आइए इसे स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं।
सबसे पहले, PPF का मूल टेन्योर यानी अवधि 15 साल की होती है। इस दौरान आप हर साल अपनी मर्जी से 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। 15 साल पूरे होने के बाद आपके पास दो विकल्प होते हैं: या तो आप सारा पैसा निकाल लें, या फिर इसे 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ाएं। 15+5+5 फॉर्मूले में आप पहले 15 साल तक निवेश करते हैं, फिर अगले 10 साल (दो 5-5 साल के ब्लॉक) तक बिना कोई नया निवेश किए अपने पैसे को बढ़ने देते हैं। इस तरह कुल 25 साल में आपका पैसा कंपाउंडिंग की वजह से बहुत बड़ा फंड बन जाता है।
कैसे बनता है 80 लाख का फंड?
अब आते हैं उस हिस्से पर। अगर आप हर साल PPF में 1.5 लाख रुपये निवेश करते हैं, तो 15+5+5 फॉर्मूले के साथ आप 25 साल में 80 लाख रुपये से ज्यादा का फंड बना सकते हैं। चलिए इसे और आसानी से समझते हैं।
पहले 15 साल तक आप हर साल 1.5 लाख रुपये जमा करते हैं। इस तरह 15 साल में आपने कुल 22.5 लाख रुपये (15 x 1.5 लाख) निवेश किए। अब, 7.1% की ब्याज दर के साथ, 15 साल बाद आपका फंड बढ़कर लगभग 40.68 लाख रुपये हो जाता है। इसमें से 22.5 लाख आपका निवेश है और बाकी 18.18 लाख ब्याज से आता है।
अब अगर आप इस फंड को निकालने की बजाय अगले 5 साल तक बिना कोई नया निवेश किए छोड़ देते हैं, तो यह 7.1% की ब्याज दर से और बढ़ता है। 20 साल पूरे होने पर यानी पहले 5 साल के एक्सटेंशन के बाद, आपका फंड 57.32 लाख रुपये तक पहुंच जाता है। इसमें अतिरिक्त 16.64 लाख रुपये का ब्याज जुड़ता है।
अब अगर आप इसे और 5 साल के लिए बढ़ाते हैं, यानी कुल 25 साल पूरे करते हैं, तो आपका फंड 80.77 लाख रुपये तक पहुंच जाता है। इसमें से 23.45 लाख रुपये का ब्याज आखिरी 5 साल में जुड़ता है। इस तरह, आपने 15 साल में 22.5 लाख रुपये जमा किए और 25 साल में वह बढ़कर 80.77 लाख रुपये हो गया। यह सारा जादू कंपाउंडिंग की ताकत से होता है।
48,000 रुपये की मासिक पेंशन कैसे मिलेगी?
अब सवाल यह है कि इस 80 लाख के फंड से आपको हर महीने 48,000 रुपये की पेंशन कैसे मिलेगी? इसका जवाब भी बहुत आसान है। जब आपका फंड 80.77 लाख रुपये तक पहुंच जाता है, तो आप इसे PPF अकाउंट में ही छोड़ सकते हैं। इस राशि पर आपको हर साल 7.1% का ब्याज मिलता रहेगा।
80.77 लाख रुपये पर 7.1% का सालाना ब्याज लगभग 5.73 लाख रुपये होता है। अगर आप इस ब्याज को हर साल निकालते हैं, तो यह आपको हर महीने करीब 48,000 रुपये (5.73 लाख ÷ 12) की पेंशन देता है। खास बात यह है कि आपका मूल फंड 80.77 लाख रुपये जस का तस रहता है, क्योंकि आप सिर्फ ब्याज निकाल रहे हैं। इस तरह, यह एक ऐसी पेंशन बन जाती है, जो आपके रिटायरमेंट के सालों में आपको नियमित आय देती है और वह भी टैक्स-फ्री।
PPF के फायदे
PPF सिर्फ फंड बनाने और पेंशन देने तक सीमित नहीं है। इसके कई और फायदे हैं, जो इसे हर निवेशक के लिए आकर्षक बनाते हैं। सबसे पहले, यह पूरी तरह सुरक्षित है, क्योंकि यह सरकार द्वारा समर्थित है। दूसरा, इसमें टैक्स छूट का फायदा मिलता है। आप हर साल 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं। साथ ही, इस पर मिलने वाला ब्याज और मेच्योरिटी की राशि भी टैक्स-फ्री होती है। इसे EEE (Exempt-Exempt-Exempt) मॉडल कहा जाता है, यानी निवेश, ब्याज, और मेच्योरिटी तीनों पर टैक्स छूट।
इसके अलावा, PPF में निवेश की राशि बहुत लचीली है। अगर आपकी जेब में ज्यादा पैसे नहीं हैं, तो आप 500 रुपये से भी शुरुआत कर सकते हैं। अगर आप ज्यादा निवेश करना चाहते हैं, तो 1.5 लाख रुपये तक डाल सकते हैं। यह योजना सैलरी वालों, गृहिणियों, छोटे बिजनेस वालों, हर किसी के लिए फिट है।
क्या हैं शर्तें और सीमाएं?
PPF में कुछ शर्तें भी हैं, जिन्हें समझना जरूरी है। सबसे पहले, इसका लॉक-इन पीरियड 15 साल का है। यानी आप 15 साल से पहले पूरा पैसा नहीं निकाल सकते। हालांकि, 7वें साल से आप कुछ शर्तों के साथ आंशिक निकासी कर सकते हैं। आप हर साल एक बार अपने फंड का कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं, लेकिन यह 50% से ज्यादा नहीं हो सकता।
दूसरा, अगर आप 15 साल बाद अपने अकाउंट को बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको हर 5 साल में इसे एक्सटेंड करना होगा। आप इसे बिना नए निवेश के या नए निवेश के साथ बढ़ा सकते हैं। अगर आप नए निवेश के साथ बढ़ाते हैं, तो आपका फंड और तेजी से बढ़ेगा।
तीसरा, PPF में हर साल 1.5 लाख रुपये से ज्यादा निवेश नहीं कर सकते। अगर आप ज्यादा डालते हैं, तो उस पर न तो ब्याज मिलेगा और न ही टैक्स छूट।
क्यों चुनें PPF?
PPF उन लोगों के लिए सबसे अच्छा है, जो जोखिम नहीं लेना चाहते और अपने पैसे को सुरक्षित रखते हुए बढ़ाना चाहते हैं। यह खासकर रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए शानदार है, क्योंकि यह लंबे समय तक निवेश को बढ़ने देता है। साथ ही, टैक्स छूट का फायदा इसे और आकर्षक बनाता है। अगर आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा बचाकर बड़ा फंड बनाना चाहते हैं, तो 15+5+5 फॉर्मूला आपके लिए एकदम सही है।