मार लिए खूब हाथ-पांव, नहीं बदल रही रुठी किस्मत…पहन लीजिए ये अंगूठी, फिर देखिए कैसे आएंगे अच्छे दिन

हरिद्वार. कहा जाता है कि ज्योतिष शास्त्र में मनुष्य की सभी समस्याओं का समाधान है. ग्रह संबंधित दोष हो या पितृ दोष सभी समस्याओं का निवारण ज्योतिष शास्त्र में विस्तार से बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से सभी नवग्रहों का एक रत्न और उनके उपरत्न धारण करने से व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. अगर किसी जातक की कुंडली में कोई ग्रह नकारात्मक भाव में विराजमान है और जातक की कुंडली पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ रहा तो उस ग्रह संबंधित रत्न को विधि अनुसार धारण करने की सलाह दी जाती है. सभी रत्नों में पुखराज रत्न ऐसा है जिसे धारण करने के बाद सोई हुई किस्मत जाग जाती है और धारक मालामाल हो जाता है.


धारण करने के कई लाभ

ज्योतिष शास्त्र के जानकार पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि सभी नवग्रहों के अलग-अलग रत्न होते हैं, जिनको धारण करने पर ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाता है. बृहस्पति ग्रह सभी ग्रहों के गुरु और सर्व शक्तिशाली है. अपार धन की प्राप्ति सभी कार्यों में सफलता और जीवन में सुख समृद्धि खुशहाली के लिए पुखराज रत्न को धारण किया जाता है. गुरु बृहस्पति ग्रह पुखराज रत्न, गुरु बृहस्पति ग्रह का रतन है जिसे सभी 12 राशियों के जातक धारण कर सकते हैं. जिसके जीवन में धन का अभाव है, पुखराज रत्न को विधि अनुसार धारण कर ले तो वो मालामाल हो जाता है.


कैसे करें पहचान
ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि पुखराज रत्न को धारण करने से पहले अपनी कुंडली ज्योतिष के जानकार को जरूर दिखाएं. सभी रत्नों में पुखराज रत्न धन की प्राप्ति, सभी कार्यों में सफलता और गुरु बृहस्पति के लिए पहना जाता है. इस रत्न को धारण करने से पूर्व अभिमंत्रित करना बेहद जरूरी होता है. पुखराज को धारण करने के लिए एक दिन पहले यानी बुधवार के दिन शाम को गंगाजल, दूध, शहद, दही, मिश्री आदि में डालकर रख दें और साफ करके बाहर निकल लें. उसके बाद गुरु बृहस्पति के बीज मंत्र का जाप करें और प्रार्थना करें कि यह रत्न आपके लिए अनुकूल है. रात को सोने से पहले इसे पीले वस्त्र में बांधकर अपने तकिए के नीचे रखें और सुबह पवित्र होकर इस रत्न को हाथ की उंगली में धारण कर लें.

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