नई दिल्ली। अगले हफ्ते भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर फ्रांस के दौरे पर जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में फ्रांस, भारत के साथ खड़ा होकर आतंकवाद के खिलाफ अभियान में मदद कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर में राफेल विमानों ने आंतकियों के ठिकानों को बर्बाद करने में अहम भूमिका निभाई थी। भारत, पश्चिमी देशों में अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहा है। साथ ही, पाकिस्तान की ओर से यूएनएससी में उठाने वाले मुद्दों को रोकने के लिए फ्रांस पर भी निर्भर है। वहीं फ्रांस दशकों से आतंकवाद के खिलाफ भारत का साथ दे रहा है। अब दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योग में भी सहयोग बढ़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्री जयशंकर अगले हफ्ते फ्रांस की यात्रा पर जा रहे है। फ्रांस भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। फ्रांस, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की मदद करता है। अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर, फ्रांस के अधिकारियों से मिलने वाले है।
पहलगाम हमले से कुछ दिन पहले ही भारत में फ्रांस के दूतावास ने पोस्ट लिखकर यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता की मांग उठाई थी। फ्रांस ने कहा था, आज से फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मासिक अध्यक्षता संभाली है। इसका मतलब है कि फ्रांस अब वैश्विक शांति और सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर बातचीत का नेतृत्व करेगा। आज की दुनिया को देखते हुए यूएनएससी में बदलाव जरूरी है। भारत को भी सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट मिलनी चाहिए। अपने दौरे के दौरान जयशंकर मार्सिले में भारत-फ्रांस ट्रैक 1.5 संवाद को भी संबोधित कर सकते हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के साथ मिलकर किया जा रहा है।