क्या भारत की अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहा है संकट?

 

भारत और पाकिस्तान के सैन्य टकराव के बाद उम्मीद थी कि करेंसी मार्केट में रुपया अपना दमखम दिखाएगा, लेकिन ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. सुबह के वक्त करेंसी मार्केट में तेजी तो दिखती है, लेकिन बाद में ऐसी गिरावट आती है कि सारी तेजी खत्म हो जाती है. दो दिन पहले जब बाजार ओपन हुआ था, तब 76 पैसे की तेजी आई थी, लेकिन बाद में सारी तेजी खत्म हो गई. कुछ ऐसा बुधवार को भी देखने को मिला. सुबह 32 पैसे की तेजी थी और उसके बाद बाजार बंद होते होते 4 पैसे की तेजी रह गई है. गुरुवार को तो रुपए में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर रुपए को कमजोर करने की साजिश कौन कर रहा है? वो भी ऐसे समय पर जब देश में महंगाई कई सालों के निचले स्तर पर चली गई है. विदेशी निवेशक लगातार शेयर बाजार में पैसा डाल रहे हैं. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर रुपए को कमजोर करने की साजिश कौन रच रहा है?

रुपए में आई बड़ी गिरावट

घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख के चलते गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 32 पैसे गिरकर 85.64 पर आ गया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि निवेशक गुरुवार को अमेरिकी फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के भाषण से संकेतों का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक मॉनेटरी पॉलिसी में ढील के साथ आगे बढ़ने की किस तरह की योजना बना रहा है, इस पर उनकी टिप्पणियों पर करीबी नजर रखी जाएगी.

क्या कर रहे हैं जानकार

बुधवार को रुपए में मामूली गिरावट देखी गई. सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पाबरी ने कहा कि यह कदम मुख्य रूप से भारत के थोक महंगाई के आंकड़ों से प्रेरित था, जो अप्रैल में 0.85 फीसदी के 13 महीने के निचले स्तर पर आ गया. पाबरी ने कहा कि महंगाई में कमी के साथ, उम्मीदें बढ़ गई हैं कि आरबीआई अपनी जून की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में एक और रेट कट कर सकता है. हालांकि यह मध्यम अवधि में विकास के लिए सकारात्मक हो सकता है, लेकिन अल्पावधि में, दरों में कटौती से रुपए पर दबाव पड़ सकता है क्योंकि करेंसी सप्लाई में वृद्धि और ब्याज दर अंतर कम हो रहा है.

डॉलर इंडेक्स में गिरावट

इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.23 फीसदी की गिरावट के साथ 100.81 पर कारोबार कर रहा था. वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1.92 फीसदी गिरकर 64.82 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. घरेलू इक्विटी बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 230.76 अंक या 0.28 फीसदी गिरकर 81,099.80 पर आ गया, जबकि निफ्टी 54.95 अंक या 0.22 फीसदी गिरकर 24,611.95 पर आ गया. एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध आधार पर 931.80 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे.

Exit mobile version