भारतीय सेना अपने एयर डिफेंस सिस्टम को और मजबूत करने के लिए दो नए सिस्टम की तलाश में है. खासतौर पर GPS और BeiDou सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम के जरिए ऑपरेट होने वाले ड्रोन पर फोकस किया जा रहा है. चीन BeiDou नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल करता है और पाकिस्तान भी GPS के साथ-साथ BeiDou का उपयोग करता है. भारतीय सेना को इन दोनों देशों के ड्रोन को LOC, IB और LAC पर डिटेक्ट, आइडेंटिफाई, ट्रैक और न्यूट्रलाइज करने के लिए काउंटर अनमैंड एरियल सिस्टम की जरूरत है. इसके लिए स्वदेशी कंपनियों से RFI जारी की गई है.
ग्राउंड बेस्ड काउंटर अनमैंड एरियल सिस्टम (C-UAS)
सेना के RFI में कहा गया है कि उन्हें ऐसा सिस्टम चाहिए जो किसी भी ड्रोन को डिटेक्ट, ट्रैक और न्यूट्रलाइज कर सके. इसके लिए वाइडबैंड RF डिटेक्टर, रडार और EQ/IR कैमरे से लैस सिस्टम की जरूरत है. सेना ने ड्रोन के साइज के साथ उसकी डिटेक्शन रेंज भी जारी की है. माइक्रो ड्रोन को 3 किलोमीटर, मिनी ड्रोन को 5 किलोमीटर और छोटे ड्रोन को 8 किलोमीटर की दूरी से डिटेक्ट और ट्रैक किया जा सके. रडार माइक्रो ड्रोन को 3 किलोमीटर, मिनी और छोटे ड्रोन को 5 किलोमीटर दूर से पहचान सके. सॉफ्ट किल के लिए दुश्मन के ड्रोन को 2 किलोमीटर पर ही जैमिंग कर सके.
इसमें GPS, GLONASS, BeiDou, Galileo और IRNSS जैसे सिस्टम को भी जाम करने की क्षमता हो. इसके अलावा स्पूफिंग, मेटाडाटा इंजेक्शन और फॉल्ट इंजेक्शन के लिए भी यह सिस्टम कारगर होना चाहिए. हार्ड किल के सिस्टम के लिए यह सिस्टम भारतीय सेना के पास मौजूद मीडियम मशीन गन और नेगेव LMG के साथ जोड़ा जा सके.
काउंटर ड्रोन सिस्टम की खासियत
RFI के मुताबिक, वाइड बैंड रेडियो फ्रीक्वेंसी डिटेक्टर के जरिए 5 किलोमीटर की रेंज में यह सिस्टम ड्रोन के रेडियो फ्रीक्वेंसी को डिटेक्ट कर सके. इस सिस्टम में यह भी तकनीक होनी चाहिए कि वह अपने और दुश्मन के ड्रोन के बीच फर्क समझ सके. सिस्टम के डिस्प्ले में दुश्मन के ड्रोन को लाल और अपने या मित्र ड्रोन को नीले रंग से दिखा सके. अगर यह सिस्टम ड्रोन को 2 किलोमीटर की जैमिंग रेंज में आ जाता है तो उसे न्यूट्रलाइज करने के लिए सॉफ्ट किल में वाइड बैंड साइबर इलेक्ट्रो मैगनेटिक ट्रांसमीटर (CEMT) से एंगेज कर सके.
अगर एंगेज करने में विफल हो जाता है तो जिस रेडियो फ्रीक्वेंसी से वह ड्रोन ऑपरेट कर रहा था, उसे थ्रेट लाइब्रेरी में भविष्य के लिए स्टोर कर सके. 1000 से ज्यादा स्टोरेज फैसिलिटी उस सिस्टम के पास हो. सिस्टम की 5 घंटे तक लगातार काम करने की क्षमता हो और इसका वजन 9 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए ताकि एक ऑपरेटर इसे आसानी से ऑपरेट कर सके.