रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए भारत हुआ सक्रिय,एक के बाद एक मुलाकातों का दौर शुरु

नई दिल्‍ली। भारत हमेशा ही शांति और अहिंसा का पक्षधर रहा है। और दुनिया में भी शांति रहे इसके लिए निरंतर प्रयासरत रहा है। अब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जल्‍द खत्‍म हो इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हाल ही में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार  अजित डोभाल की मॉस्‍को यात्रा पर राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद अब पीएम नरेंद्र मोदी न्‍यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मिले। दोनों देशों के टॉप लीडर्स के बीच युद्ध को खत्‍म करने की कोशिशों को लेकर बातचीत हुई। इन मेल मुलाकातों के बाद शांति के आसार बनते दिखाई दे रहे हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिन के अमेरिकी दौरे के अंतिम दिन सोमवार को न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति से मिले। ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जल्‍द ही युद्ध थमने की खुशखबरी दुनिया को मिले।
पिछले महीने यूक्रेन का दौरा करने के बाद यह दूसरा मौका है जब भारतीय पीएम और यूक्रेन के राष्‍ट्रपति के बीच यह मुलाकात हुई। पिछले चार महीनों में दोनों नेता तीसरी बार मिल रहे हैं। यूं तो संयुक्‍त राष्‍ट्र अधिवेशन के लिए न्‍यूयॉर्क पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी की जेलेंस्‍की से हुई यह मुलाकात पहले से तय नहीं थी लेकिन यूक्रेन के राष्‍ट्रपति की तरफ से की गई रिक्‍वेस्‍ट को पीएम मोदी मना नहीं कर सके। रूस-यूक्रेन जंग के बीच पुतिन और जेलेंस्‍की दोनों ही भारत को एक अहम साझेदार के रूप में देखते हैं। पश्चिमी देशों का भी यह मानना है कि मोदी ही ऐसे व्‍यक्ति हैं जो पुतिन को जंग रोकने के लिए मना सकते हैं।भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि यूक्रेनी पक्ष द्वारा किए गए अनुरोध के बाद बैठक आयोजित की गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति से मुलाकात की। हम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पिछले महीने यूक्रेन की मेरी यात्रा के परिणामों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान और शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत के समर्थन को दोहराते हैं।

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