नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक शनिवार को हुई। नई दिल्ली में गवर्निंग काउंसिल की बैठक का विषय ‘विकसित राज्य के लिए विकसित भारत@2047’ था। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें विकास की गति बढ़ानी होगी। अगर केंद्र और सभी राज्य एक साथ आएं और टीम इंडिया की तरह मिलकर काम करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकसित भारत हर भारतीय का लक्ष्य है। जब हर राज्य विकसित होगा, तो भारत विकसित होगा। यह 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों की दिशा में काम करना चाहिए। विकास, नवाचार और स्थिरता हमारे शहरों के विकास का इंजन होना चाहिए। राज्यों को वैश्विक मानकों के अनुरूप कम से कम एक पर्यटन स्थल विकसित करना चाहिए। वहां सभी सुविधाएं और बुनियादी ढांचे उपलब्ध कराने चाहिए। एक राज्य- एक वैश्विक गंतव्य। इससे पड़ोसी शहरों का भी पर्यटन स्थल के रूप में विकास होगा।
तीन दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा नहीं लिया
एनडीए शासित पुडुचेरी सहित तीन दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों एन. चंद्रबाबू नायडू, एमके स्टालिन और ए. रेवंत रेड्डी ने बैठक में शिरकत की। कांग्रेस शासित कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया राज्य में पूर्व व्यस्तताओं में व्यस्त थे। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपनी ओर से अपने कैबिनेट सहयोगी के एन. बालगोपाल को भेजा। इसी तरह पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए। इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में राज्य के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में ‘विकसित राज्य-विकसित भारत 2047’ के संकल्प को साकार करने के लिए आयोजित यह बैठक राज्यों की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित करेगी।
वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में प्रगति में तेजी लाने के लिए राज्य सरकारों के तीन उप-समूहों के गठन का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि उनका राज्य इस राष्ट्रीय आकांक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। जीडीपी वृद्धि पर पहला उप-समूह निवेश, विनिर्माण, निर्यात और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखेगा। जनसंख्या प्रबंधन पर दूसरा उप-समूह भारत को वृद्धावस्था और कम प्रजनन क्षमता जैसी भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयारी करते हुए अपने जनसांख्यिकीय लाभ का लाभ उठाने में मदद करेगा। तीसरा उप-समूह प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करेगा।