दिशा का ध्यान नहीं दिया तो बेडरूम बन सकता है चिंता, थकान और खटास की वजह

हर इंसान चाहता है कि उसका घर सुकून भरा हो, जहां वह आराम महसूस कर सके, लेकिन अगर घर की बनावट या कमरे की दिशा सही न हो, तो यह जीवन पर असर डाल सकती है. खास तौर पर बात अगर बेडरूम की हो, तो इसकी दिशा काफी मायने रखती है. आज हम जानेंगे कि बेडरूम की कौन सी दिशा ठीक नहीं मानी जाती और इसका क्या असर पड़ सकता है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं

रिश्तों में खटास
घर में टॉयलेट, किचन, एंट्रेंस, रंग और बाकी चीज़ों की दिशा की तरह ही बेडरूम की दिशा भी काफी अहम होती है. कई बार देखने में आता है कि बाकी सब कुछ सही होने के बावजूद लोगों को मानसिक तनाव, नींद की कमी, या रिश्तों में खटास जैसी दिक्कतें होती हैं. इसकी वजह बेडरूम का गलत दिशा में होना हो सकता है.

अस्थिरता का सामना
कुछ दिशाएं ऐसी होती हैं जो बेडरूम के लिए बिल्कुल भी सही नहीं मानी जातीं. उदाहरण के तौर पर अगर आपका बेडरूम वेस्ट, नॉर्थ-वेस्ट, साउथ, साउथ-वेस्ट या ईस्ट-ऑफ-साउथ-ईस्ट में है, तो यह परेशानी पैदा कर सकता है. इन दिशाओं में बेडरूम होने से व्यक्ति को लगातार थकान, चिड़चिड़ापन और निजी जीवन में अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है.

बेडरूम के लिए ठीक नहीं
इसके अलावा नॉर्थ-ईस्ट और नॉर्थ-नॉर्थ-ईस्ट जैसी दिशाएं भी बेडरूम के लिए ठीक नहीं मानी जातीं. इन दिशाओं में सोने से व्यक्ति को सिर दर्द, निर्णय लेने में परेशानी और भावनात्मक असंतुलन हो सकता है. खासकर जो लोग मानसिक काम करते हैं या पूरे दिन दिमाग पर जोर डालते हैं, उनके लिए यह दिशा नुकसानदेह हो सकती है.

बेड की सही पोजीशन
अब सवाल उठता है कि अगर बेडरूम इन दिशाओं में बना है, तो क्या किया जाए? जरूरी नहीं कि आप घर तोड़ें या सबकुछ फिर से बनवाएं. कुछ उपायों से भी दिशा के असर को कम किया जा सकता है. जैसे कमरे में हल्के रंगों का इस्तेमाल करना, बेड की सही पोजीशन तय करना, और कमरे के अंदर फालतू सामान को हटाना. साथ ही, रोजाना कमरे की सफाई और खुली हवा का ध्यान रखना भी जरूरी है.

दीवारों और नक्शों की बात
ध्यान रहे, घर की दिशा केवल दीवारों और नक्शों की बात नहीं है. यह हमारे मन, शरीर और सोच पर असर डाल सकती है. इसलिए जब भी घर का चुनाव करें या किसी कमरे की जगह तय करें, तो दिशा का ध्यान जरूर रखें.

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