सनातन धर्म में आषाढ़ का माह बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह चौथा महीना होता है, जिसकी शुरुआत 12 जून से शुरू हो चुकी है. आषाढ़ के महीने में भगवान शंकर, भगवान विष्णु के अलावा माता लक्ष्मी और भगवान सूर्य देव की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है. इस वर्ष आषाढ़ माह का महत्व ग्रह गोचर के कारण काफी बढ़ जाता है, क्योंकि इस महीने कई बड़े ग्रहों का गोचर भी होगा. इसके अलावा इस महीने कई प्रमुख व्रत और त्योहार भी मनाया जाते हैं, जो अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं, तो चलिए इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं कि इस महीने की क्या महिमा है और कितने व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे….
आषाढ़ माह का महत्व
कि हिंदू पंचांग के अनुसार 12 जून से आषाढ़ माह की शुरुआत हो चुकी है, जिसका समापन 10 जुलाई को होगा. इस महीने प्रमुख व्रत और त्योहार भी मनाए जाएंगे जो अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इस महीने भगवान विष्णु और भगवान शंकर की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से जीवन में चल रही तमाम तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है .
धार्मिक दृष्टि यह माह बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस महीने मौसम में भी कई परिवर्तन देखने को मिलते है. इसी महीने जगन्नाथ पुरी में भगवान जगन्नाथ की भी यात्रा निकलती है और इसके अलावा इस महीने गुरु पूर्णिमा का भी पर्व मनाया जाता है.
व्रत और त्योहार की लिस्ट
14 जून को संकष्टी गणेश चतुर्थी
15 जून को मिथुन संक्रांति का पर्व
21 जून को योगिनी एकादशी
23 जून को प्रदोष व्रत
24 जून को रोहिणी व्रत
25 जून को अमावस्या, आषाढ़ अमावस्या
26 जून को गुप्त नवरात्रि आरंभ, चंद्र दर्शन
27 को जगन्नाथ रथयात्रा
06 जुलाई को एकादशी, देवशयनी एकादशी
08 जुलाई को भौम प्रदेाष व्रत, जया पार्वती व्रत
10 जुलाई को पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, व्यास पूजा, सत्य व्रत